Friday, May 23, 2025

मुज़फ्फरनगर में एसडीएम ने लगवाया सरकारी सम्पत्ति का बोर्ड, दूसरा पक्ष बोला-स्टे है हुज़ूर !

मुज़फ्फरनगर। जानसठ तहसील क्षेत्र के ग्राम सीकरी में सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार की शिकायत पर प्रशासन की टीम ने बुधवार को गांव पहुंचकर लगभग 10 बीघा भूमि से अवैध कब्जा हटाया और वहां “सरकारी संपत्ति” का बोर्ड लगा दिया। इस कार्रवाई ने न सिर्फ गांव में कानून व्यवस्था का संदेश दिया, बल्कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्ती का इरादा भी साफ कर दिया।

ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया था कि खसरा नंबर 1993 और 1998 की भूमि पर गांव के ही एक पूर्व प्रधान समेत कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। यह भूमि सार्वजनिक आयोजनों जैसे मेले आदि के लिए निर्धारित है, लेकिन उसे किराए पर देकर लाखों रुपये की अवैध वसूली की जा रही थी।

यूपी में 25 डिप्टी एसपी के तबादले, शामली से श्रेष्ठा ठाकुर बागपत भेजीं, तनु उपाध्याय को पीएसी भेजा

उप जिलाधिकारी जानसठ के निर्देश पर नायब तहसीलदार बृजेश कुमार की अगुवाई में लेखपाल विकेश कुमार, प्रवीण कुमार और हिमांशु श्रीवास्तव की टीम ने मौके पर पहुंचकर दस्तावेजों के आधार पर भूमि की पहचान की और उसे कब्जा मुक्त कर बोर्ड लगाया।

शामली के चकबंदी कार्यालय में भ्रष्टाचार, दस्तावेज गायब, लेखपाल निलंबित, पेशकार से मांगा गया स्पष्टीकरण

कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध जताते हुए दावा किया कि मामला न्यायालय में लंबित है, लेकिन वे कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। पुलिस की मौजूदगी में विरोध करने वालों को शांति से समझा-बुझाकर हटाया गया।

ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए मांग की कि जिन्होंने इस भूमि से आर्थिक लाभ कमाया है, उनसे वह राशि वसूली जाए।

दूसरे पक्ष ने लगाया प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप

हालांकि, इस कार्रवाई के बाद मामला और उलझ गया जब आज दूसरे पक्ष के लोग जिला मुख्यालय पहुंचे और दावा किया कि प्रशासन ने उनकी निजी भूमि पर अवैध रूप से कार्रवाई की है। इरफान अली नामक व्यक्ति ने कहा कि गांव के भीतर उनकी 6 बीघा भूमि पर वह वर्षों से कोल्हू चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल कोल्हू नहीं चलाया गया, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे ग्राम पंचायत की भूमि बता विवाद खड़ा कर दिया।

मुज़फ्फरनगर में भ्रष्टाचार के खिलाफ किसानों की जंग जारी, भूख हड़ताल पर अड़े ठाकुर पूरन सिंह

इरफान अली का आरोप है कि तहसील प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनकी जमीन पर सरकारी संपत्ति का बोर्ड लगा दिया, जबकि इस भूमि पर वर्ष 1997 से हाईकोर्ट का स्थगन आदेश (स्टे ऑर्डर) प्रभावी है, जिसे उन्होंने 2024 में नवीनीकृत भी कराया है।

मुजफ्फरनगर में बाइक पर साइलेंसर और लाल-नीली बत्ती की होगी चैकिंग, एसएसपी ने शुरू कराया विशेष अभियान

न्यायिक प्रक्रिया का हवाला, बोर्ड हटाने की मांग

उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में पहले ही जिलाधिकारी और एसडीएम जानसठ को सभी दस्तावेज सौंपे जा चुके हैं। अब पुनः एक प्रार्थना पत्र सौंपकर न्यायिक आदेश आने तक बोर्ड हटाने की मांग की गई है। ग्रामीणों की ओर से भी यह मांग उठाई गई कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तब तक प्रशासन कोई अंतिम कार्रवाई न करे।

जिलाधिकारी ने इस पूरे विवाद की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि कानून सम्मत प्रक्रिया के तहत ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

87,026FansLike
5,553FollowersFollow
153,919SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय