शामली। जनपद शामली में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष निखिल खैवाल के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान को सौंपा।
मुज़फ्फरनगर में खेत में काम कर रहे युवक की करंट लगने से दर्दनाक मौत, गांव में शोक
ज्ञापन में बताया गया कि जिले के अधिकतर निजी स्कूल अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं। स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वसूली, किताबें और ड्रेस बेचने की जबरदस्ती, और अनुचित री-एडमिशन शुल्क जैसी गतिविधियां आम हो गई हैं। संगठन ने आरोप लगाया कि स्कूल संचालक अपने चहेते बुक सेलर्स के माध्यम से महंगी किताबें बेचते हैं, जो अन्य दुकानों पर उपलब्ध नहीं होतीं। यही स्थिति यूनिफॉर्म, जूते और अन्य सामान की खरीद में भी देखी जाती है।
संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन है कि स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाए, लेकिन जिले के अधिकांश स्कूल अपनी मनपसंद पब्लिकेशन की महंगी किताबें अभिभावकों पर थोप रहे हैं। वहीं, जिला विद्यालय निरीक्षक इस गंभीर विषय पर कोई संज्ञान नहीं ले रहे, जिससे उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
भाकियू नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन प्रत्येक क्लास में प्रमोशन के समय छात्रों से फिर से एडमिशन फीस वसूलते हैं, जो कि पूरी तरह अनुचित है। इसके अलावा, बिल्डिंग फीस के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है।
ज्ञापन में कहा गया कि सरकार द्वारा स्कूलों को ज़मीन आवंटन या रजिस्ट्रेशन के समय यह शर्त दी जाती है कि वे कम से कम 20 प्रतिशत गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देंगे, लेकिन अधिकतर स्कूल इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं और सरकार की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम नहीं लगाई गई, तो संगठन व्यापक आंदोलन करने को मजबूर होगा। साथ ही प्रधानमंत्री से स्कूलों पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू करने की मांग की गई।