नैनीताल। नैनीताल जनपद के दूरस्थ ओखलकांडा विकासखंड में 1.55 करोड़ की लागत से बन रहा स्टील गार्डर पुल निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही टूट गया है। इससे दूरस्थ क्षेत्रों में निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खुल गयी है।
45 मीटर पुल के बनने से 8-10 गांवों को लाभ मिलता-
ओखलकांडा विकासखंड के स्याली गांव में करीब एक साल पहले स्याली, रिखाकोट, टांडा, घिगरानी और सुई गांवों को जोड़ने के लिए 1.55 करोड़ की लागत से स्टील गार्डर पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। नदी पर 45 मीटर स्पान के यानी लंबे इस पुल के बनने से 8 से 10 गांवों के ग्रामीणों को लाभ मिलता। सोमवार को निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही पुल टूट गया है।
इसकी जानकारी स्थानीय लोगों के साथ ही विधायक राम सिंह कैड़ा को मिली तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इसके लिए विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही डीएम को मामले से अवगत करवाते हुए निर्माण कार्य की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
ठेकेदार का हास्यास्पद बहाना-
ठेकेदार की ओर से बताया गया है कि कुछ लोगों ने पुल के बोल्ट खोल दिये गए हैं। इससे पुल टेढ़ा हो गया है। हालांकि यह बात विश्वसनीय नहीं लगती है कि कोई आम लोग इतने बड़े पुल के बोल्ट इस हद तक खोल देंगे कि पुल गिर जाये।
अलबत्ता लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र तिवारी की ओर से बताया गया है कि ठेकेदार को तीन दिन के अंदर पुल को सही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इस मामले की विभागीय जांच कराने की बात भी कही है।