Friday, January 17, 2025

ड्रग्स सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार 20 वर्षीय श्रुति निषाद और जेल प्रहरी दीपक यादव

 

 

इंदौर। इंदौर पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए 20 वर्षीय श्रुति निषाद और 37 वर्षीय निलंबित जेल प्रहरी दीपक यादव को गिरफ्तार किया है। श्रुति को ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है। पुलिस ने इनके पास से 20.30 ग्राम ब्राउन शुगर, 10.22 ग्राम एमडी ड्रग्स और एक होंडा अमेज कार बरामद की है। जब्त किए गए ड्रग्स की कीमत 10 लाख रुपए आंकी गई है।

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क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एमआर-4 रोड पर ड्रग्स तस्करी का बड़ा सौदा होने वाला है। शुक्रवार शाम को पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को पकड़ा। जांच में सामने आया कि दोनों राजस्थान से ड्रग्स लाकर इंदौर में सप्लाई करते थे।

 

श्रुति निषाद, जिसे हाई-प्रोफाइल पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई करने के लिए जाना जाता था, खुद भी नशे की आदी है। इसके अलावा, वह पार्टियों में डांस परफॉर्मर के रूप में भी सक्रिय थी। श्रुति पर पहले से मारपीट और आर्म्स एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं।

 

दीपक यादव, जो मॉडल विलेज कॉलोनी इंदौर का निवासी है, आलीराजपुर में जेल प्रहरी के रूप में कार्यरत था। उसे 2009 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर जेल प्रहरी बनाया गया था। लेकिन उसकी पत्नी ने दीपक पर दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया।

 

 

निलंबन के बाद दीपक अपनी मौसी के घर रहने लगा और ड्रग्स की लत का शिकार हो गया। इसी दौरान वह श्रुति के संपर्क में आया। दोनों ने मिलकर ड्रग्स तस्करी का कारोबार शुरू किया।

दीपक टोल नाकों और पुलिस चेकिंग से बचने के लिए अपनी पुलिस आईडी का उपयोग करता था। उसकी गाड़ी पर ‘पुलिस’ लिखा हुआ था, जिससे कोई शक नहीं करता था। इसी बहाने वह राजस्थान से ड्रग्स लाकर इंदौर में सप्लाई करता था।

पुलिस ने बताया कि दीपक का जेल में भी ड्रग्स सप्लाई का कोई नेटवर्क था या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल प्रशासन को भी इसकी सूचना दी गई है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तस्करी के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं।

 

 

पुलिस ने जब्त किए गए ड्रग्स और गाड़ी को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इसके अलावा, श्रुति और दीपक से पूछताछ के दौरान अन्य ड्रग्स सप्लायर और ग्राहकों के नाम भी सामने आने की संभावना है।

 

यह मामला न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। ड्रग्स का बढ़ता प्रचलन युवाओं को अंधकार की ओर धकेल रहा है। पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन इस प्रकार के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर कानून और जागरूकता अभियान जरूरी हैं।

पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच होने के बाद ही ड्रग्स तस्करी के इस गिरोह की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।

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