गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर जहां कई जिलों में नजर आने लगा है, वही गाजियाबाद में भी बिजली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
गाजियाबाद के राजनगर इलाके सिथत चीफ इंजीनियर विधुत के दफ्तर के बाहर बिजली कर्मचारियों के चल रहे इस धरने की तस्वीरों को आप देख सकते हैं। बिजली कर्मचारियों द्वारा 72 घण्टे का समय उनकी मांगों को मानने के लिए दिया गया है। धरना कर रहे बिजली संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि बीती 3 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच समझौता हुआ था।
सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था। अब तीन महीने से अधिक समय गुजर चुका है। मगर समझौते पर अमल नहीं हुआ। 72 घण्टों का समय हड़ताल कर रहे बिजली कर्मचारी संगठन द्वारा किया गया है ।
दरसल दिसम्बर में हुए समझौते में मुख्य मांग थी कि बिजली कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिए ही किया जाएगा। लेकिन, इस व्यवस्था को बंद करके अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है। साथ ही बिजली कर्मचारियों की कई अन्य मांगे भी है जिन्हें वो उठा रहे हैं ।
धरने पर बैठे पदाधिकारियो के अनुसार सरकार उनकी मांगी गई मांगो पर अमल करने के बजाय सरकार कह रही है हम बिजली कर्मचारियों के बिना भी बिजली आपूर्ति कर लेंगे लेकिन अगर ऐसा है तो फिर बिजली कर्मचारियों बिजली विभाग की जरूरत ही क्या है। अब यह लोग धरने पर बैठे हैं और जैसे इनकी मुख्य संस्था आगे के धरने की दिशा निर्देश देगी उसके हिसाब से यह कार्रवाई करेंगे।