Tuesday, November 5, 2024

भाजपा नेता खुद तो कर्जमाफी का फायदा लेते हैं, किसानों की कर्जमाफी का विरोध करते हैं : कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि भाजपा के नेता कर्जमाफी का विरोध कर रहे हैं। लेकिन जब कांग्रेस सरकार किसानों के लिये योजना घोषित करती है तो भाजपा के नेता सबसे पहले उसका फायदा उठाते हैं। 2500 में धान खरीद का फायदा भाजपा के नेता उठाते हैं। पिछली बार भाजपा के सारे नेताओं ने कर्ज माफी का लाभ लिया था, रमन सिंह, धर्मलाल कौशिक सहित भाजपा के छोटे- बड़े 2000 से अधिक नेताओं ने कर्जमाफी योजना का लाभ लिया था।

जब-जब किसानों को सहूलियत देने की बात आती है तो भाजपा के पेट में दर्द क्यों होता है? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब कांग्रेस ने किसानों के धान 2500 रुपये में खरीद शुरू किया। तब भाजपा केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर दिया कि एक भी रुपये धान की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा नहीं दे सकते हैं। जबकि राज्य सरकार किसानों अपने संसाधन से दे रही थी। जब मुख्यमंत्री भूपेश ने किसानों की 20 क्विंटल धान खरीद की घोषणा की, तो फरमान आ गया 86 लाख मीट्रिक टन जो लेने वाले थे नही लेंगे, 61 लाख मीट्रिक टन लेंगे, धान का कोटा घटा दिया। बार- बार भाजपा किसानों का विरोध क्यों करती है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस किसानों का कर्जा माफी की निर्णय लिया है, तो भाजपा उस पर भी सवाल खड़ा कर रही है? ऐसे समय जबकि पूरा देश कोरोना के समय तबाह हुआ है। बड़े- बड़े उद्योगपतियों के उद्योग बंद हो गये हैं। बड़े- बड़े व्यापारियों के प्रतिष्ठान बंद हो गये थे। अच्छे- अच्छे लोगों की कमर टूट गयी थी। किसानों को सहूलियत दी जा रही तो भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है? बड़े- बड़े उद्योगपतियों का हजारों करोड़ो का कर्ज माफ कर देते हैं। किसानों का कर्जा माफ हो रहा तो भाजपा को तकलीफ हो रही, सवाल खड़ा कर रहे हैं।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के संसाधनों का पहला अधिकार हमारे अन्नदाता का है और कांग्रेस पार्टी इस काम को करते रहेगी। भाजपा कितना भी विरोध करे। हम किसानों को उनकी ऊपज की पूरी कीमत देंगे। हम किसानों का कर्जा माफ करेंगे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से हम किसानों की मदद करेंगे। किसानों का दाना-दाना धान भी खरीदेंगे। भाजपा को विरोध करना है करती रहे। किसानों को उनकी उपज की कीमत देने पर किसानों की खुशहाली से पूरे प्रदेश में खुशहाली है, गांवो से शहरों की अर्थव्यवस्था मजबूत होने के रास्ते खुलते हैं।

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