Friday, September 20, 2024

मुज़फ्फरनगर में बुर्के पर विवाद, जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा- बुर्का फैशन शो का हिस्सा नहीं

मुजफ्फरनगर। जनपद में स्थित एक कॉलेज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस समय जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें बुर्का पहने कुछ छात्राएं फैशन शो के दौरान कैटवॉक करते हुए नजर आ रही है। अब इस वीडियो के वायरल होने पर जमीयत ए उलेमा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है।

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आपको बता दें कि नगर के श्री राम कॉलेज में पिछले तीन दिनों से फैशन शो का एक कार्यक्रम चल रहा था जिसमें मंदाकिनी सहित कहीं बड़ी फिल्मी हस्तियों ने हिस्सा लिया था। इसी कार्यक्रम के समापन पर रविवार देर शाम फैशन शो के दौरान कुछ छात्राओं ने बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया था जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक करने वाली अलीना नाम की एक छात्रा का जहाँ कहना है कि हमारे मनोज सर हमे कहते हैं कि यहां कॉलेज में आकर नई-नई क्रिएटिविटी करो, जिसके चलते हम शॉर्ट ड्रेस बना रहे थे जिस पर हमने सोचा कि हमारा मुस्लिम समाज है हम मुस्लिम समाज की युवतियों के लिए कुछ करें इसलिए हमने बुर्का पहन कर यह किया है ओर हम यह कहना चाहते हैं कि बुर्का फैशन में भी आ सकता है ,यह नहीं कि लड़कियां इसे घर में ही पहने।

उधर जमीयत उलेमा ए हिंद के जिला कन्वीनर मौलाना मुकर्रम कासमी ने कहा है कि बुर्का फैशन शो का हिस्सा नहीं है जिन बच्चों से यह प्रोग्राम कराया गया है। यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है, ऐसा करके कहीं ना कहीं मुसलमान समाज और उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है। उन्होंने कहा कि जमीयत ए उलेमा इसकी मजम्मत  करती है और कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन से अपील करती है कि वह आइंदा ऐसे प्रोग्रामो से दूर रहे और अगर फिर कोई ऐसे प्रोग्राम करेगा तो जमीयत ए उलेमा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए लड़ेगा चाहे इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ही क्यू न जाना पड़े क्यूंकि किसी भी मजहब के ऊपर टिप्पणी करना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। इसमें हमारे बुर्के को टारगेट बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि बुर्का किसको कहते हैं, बुर्का जो होता है वह एक कपड़ा होता है।\ और जब महिला घर से बाहर निकलती है तो वह उसे पहन कर बाहर निकलती है ताकि उसकी आज़ा, उसका चेहरा, उसका बदन कोई और आदमी ना देख सके तो बुर्के को पर्दे के लिहाज से  इस्तेमाल किया जाता है और आप उसी बुर्के को लाल-पीले कपड़ों में सिलवा  कर फैशन शो में इस्तेमाल करें यह सरासर गलत है और मुसलमानो की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का एक मुद्दा है और हम जमीयत उलेमा इसको गलत ठहराते है।

उन्होंने कहा कि हम कॉलेज के जिम्मेदारान और उसके प्रशासन से अपील भी करते है कि वो आइंदा ऐसे प्रोग्रामो से दूर रहे उनसे परहेज करें, ये किसी को भी हक़ नहीं है कि वो किसी की धार्मिक भावनाओं को भड़काये व आप फैशन शो कर रहे हैं तो करिए ,लेकिन किसी एक मजहब को आप टारगेट नहीं कर सकते हैं। जमीयत उलेमा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए लड़ेगे चाहे हमें हाई कोर्ट जाना पड़े या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े इसीलिए कि किसी भी मजहब के ऊपर टिप्पणी करना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने हमारे बुर्के को टारगेट बनाया है और फैशन में बुर्के को इस्तेमाल किया है और उनको यह राइट नहीं दिया गया है और बाकायदा उन बच्चों से बयान दिलवाया गया है कि हम फैशन शो में काम करती हैं और फैशन शो के लिए कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। किसी में कैंची इधर से मार दी तो किसी में कैंची इधर से मार दी तो फैशन हो गया। यह सिर्फ कपड़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता है ना की बुर्के के लिए। बुर्के के लिए हमने पहली बार ऐसा देखा है कि जिसे फैशन शो में इस्तेमाल किया है जो सरासर गलत है।

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