मेरठ। हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के लुकाधड़ी गांव में युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। लोगों ने थाने के गेट पर धरना-प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की। एसएसपी ने हस्तिनापुर इंस्पेक्टर और दरोगा को हटा दिया है। नाराज लाेगों का पुलिस के खिलाफ अब भी धरना जारी है।
लुकाधड़ी गांव में रविवार को अंकित चौहान पुत्र कंवरपाल की अल्टो कार सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। युवक सोनीपत नौकरी पर जा रहा था। इस हत्या के पीछे खत्ते की जमीन पर तीन साल से चल रहा विवाद बताया जा रहा है। खत्ते को लेकर कंवरपाल चौहान और सुरेश सैनी पक्ष में विवाद था। अंकित के भाई ने चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में परिजनों ने हस्तिनापुर इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा और चौकी प्रभारी योगेश गिरी पर आरोपितों से सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने 24 घंटे में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। पुलिस की भूमिका की जांच करके कार्रवाई करने को भी कहा। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया और थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। एसएसपी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर हस्तिनापुर रमेश चंद्र शर्मा और चौकी इंचार्ज योगेश गिरी को हटा दिया। इसके बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं।
लोगों ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी की लापरवाही से ही अंकित की हत्या हुई है। तीन दिन से वह लगातार हत्या की आशंका पर पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें थाने से भगा दिया। उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि तीन महीने से हत्या की आशंका पीड़ित परिवार को थी, क्योंकि आरोपितों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर अवैध हथियार वायरल किये जा रहे थे। पुलिस ने इसमें से केवल एक पर कार्रवाई की। अंकित ने शनिवार को भी थाने जाकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। चौहान छतरिया कल्याण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर जयपाल सिंह भी धरने में शामिल हो गए हैं।