नई दिल्ली। राहुल गांधी और कांग्रेस द्वारा एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के वादे पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने सवाल पूछा है कि कांग्रेस लंबे समय तक देश की सत्ता में रही है और जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्हें इसे लागू करने के लिए किसी ने मना नहीं किया था तो उनकी सरकार ने इसे लागू क्यों नहीं किया था ?
मुंडा ने तो यहां तक कहा कि एमएसपी लागू करने की बजाय कांग्रेस सरकार (यूपीए सरकार) ने तो इसे (स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को) अस्वीकार तक कर दिया था, जबकि हमारी सरकार तो कह रही है कि हम रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे। मुंडा ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को भी दो टूक लहजे में यह बता दिया कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन उनकी मांगों पर राज्य सरकारों के साथ-साथ सभी स्टेक होल्डर्स के साथ विचार-विमर्श कर कोई रास्ता निकालना पड़ेगा और इसमें समय लगेगा।
दरअसल, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा वर्ष 2020-21 में चलाए गए पिछले आंदोलन से सबक लेते हुए सरकार और भाजपा इस बार आक्रामक अंदाज में पहले से ही पलटवार करने की अपनी रणनीति पर काम कर रही है ताकि कांग्रेस समेत किसी भी विरोधी राजनीतिक दल को इस बार माहौल बिगाड़ने का मौका न मिल सके।
इसी रणनीति पर चलते हुए एक तरफ जहां सरकार और भाजपा कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उससे सवाल पूछ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को भी सीधा और स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसान संगठनों को राजनीति से प्रेरित होकर काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि असामान्य स्थिति पैदा करने से कोई समाधान नहीं होगा।
केंद्र सरकार के मंत्री भी लगातार किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए कामकाज और उपलब्धियों को गिनाते हुए कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं और अब भाजपा नेता किसानों के बीच जाकर कांग्रेस की पोल खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार के मंत्री और भाजपा नेता लगातार किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए कामकाज और उपलब्धियों को गिना रहे हैं और अब आने वाले दिनों में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के दिग्गज मंत्री और नेता किसानों के बीच जाकर कांग्रेस की पोल भी खोलेंगे और मोदी सरकार के किसानों और कृषि के लिए किए गए कामों को भी गिनाएंगे।
बताया जा रहा है कि अमित शाह 20 फरवरी को राजस्थान के बीकानेर जा सकते हैं, जहां वह बीकानेर क्लस्टर के तीन लोकसभा सीटों के नेताओ संग बैठक करेंगे। इस कलस्टर में किसानों का एक बड़ा वोट बैंक है। इसलिए, किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस की तैयारी के बीच शाह यहां के पार्टी कार्यकर्ताओ और किसानों के सामने सही तस्वीर रखने का प्रयास करेंगे। अन्य दिग्गज भाजपा नेता भी अलग-अलग तारीखों पर देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों के बीच यही प्रयास करते दिखाई देंगे।