सहारनपुर- पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना पट्टी में इस साल गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन दोनों में कमी आई है।
जिला गन्नाधिकारी सुशील कुमार ने बुधवार को बताया कि यह पहला मौका है जब मार्च महीने में ही जिले की चार चीनी मिलें अपना पेराई सत्र समाप्त करने जा रही हैं।
इस बार पिछले सत्र की तुलना में 74.76 लाख कम गन्ना पेराई हुई और 8.29 लाख क्विंटल चीनी कम बनी। अबकी गन्ने की पैदावार भी कम हुई। इसकी वजह गन्ने में रोग का प्रकोप और अतिवृष्टि का असर होना है। जिले की टोडरपुर और बिड़वी चीनी मिलें 25 फरवरी को बंद हो गई। पिछले पेराई सत्र में गागलहेड़ी की चीनी मिल 16 अप्रैल तक चली थी। अबकी 12 मार्च को बंद हो गई। सहकारी चीनी मिल सरसावा का पेराई सत्र 15 मार्च को खत्म हो गया। पिछले सीजन में गागनोली चीनी मिल 2 अप्रैल तक चली थी। इस बार शनिवार को उसका भी पेराई सत्र समाप्त हो गया।
पिछले सीजन में देवबंद चीनी मिल 14 मई तक चली थी। इस बार यह 7 अप्रैल तक चल पाएगी। शेरमऊ चीनी मिल 23 अप्रैल तक चली थी अबकी 29 मार्च तक सीजन समाप्त हो सकता है। पिछली बार जिले की चीनी मिलों ने 539.76 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की थी। इस बार इसके गिरकर 465 लाख क्विंटल रहने की उम्मीद है।