शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने छह में से तीन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।
कांग्रेस हाईकमान ने शुक्रवार शाम कुटलैहड़, सुजानपुर और गगरेट विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है। खास बात यह है कि गगरेट और सुजानपुर सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा के बागियों को तरजीह दी है। कुटलैहड़ सीट पर विवेक शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। गगरेट से पूर्व विधायक राकेश कालिया को उतारा गया है।
सबसे चर्चित सुजानपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कैप्टन रंजीत सिंह राणा को टिकट दी है। रंजीत सिंह राणा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी रहे हैं। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा था और वह कांग्रेस के राजेंद्र राणा से 399 मतों से हार गए थे। हाल ही में कैप्टन रंजीत राणा ने कांग्रेस का दामन थामा है। वह मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल के चुनाव प्रचार की कमान भी संभाल चुके हैं। उनका मुकाबला भाजपा के राजेन्द्र राणा से होगा, जो पिछले विस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे।
गगरेट से चुनाव मैदान में उतारे गए राकेश कालिया तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। राकेश कालिया भी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कुटलैहड़ से कांग्रेस ने विवेक शर्मा पर दांव खेल है। विवेक शर्मा 2017 में भी कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके है, हालांकि उस समय वह भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र कंवर से 5606 मतों से हार गए थे। 2022 के विस चुनाव में भी वह यहां से कांग्रेस टिकट के प्रमुख दावेदारों में से थे,लेकिन अंतिम क्षणों में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए देवेंद्र कुमार भुटटो यहां से कांग्रेस टिकट प्राप्त करने में सफल रहे थे। विवेक कुमार कुटलैहड़ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके है। उनके पिता पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय रामनाथ शर्मा दो बार कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके है।
कांग्रेस अभी तीन अन्य विधानसभा सीटों लाहौल स्पीति, धर्मशाला और बड़सर में अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है। जबकि भाजपा कई दिन पहले सभी अच्छे विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। प्रदेश में पहली जून को छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होंगे। सबकी नज़रें इन उपचुनावों के नतीजों पर टिकी हैं। कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से इन विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव हो रहे हैं।