मेरठ। मेरठ में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम समय की जरूरत हो गया है। अगर अभी से इसकी तैयारी नहीं की गई तो आने वाले दिनों में चुनौतियां और बढ़ जाएंगी। भविष्य में प्रयागराज को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस वे और दिल्ली को जोड़ने के लिए रैपिड ट्रेन का संचालन शुरू होना है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगर अब मेरठ में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं की गई तो कब की जाएगी?
दरअसल विकास के केंद्र में इन दिनों मेरठ है। यहां न सिर्फ एक्सप्रेस वे और रैपिड ट्रेन का संचालन शुरू होने वाला है बल्कि नई हाई राइज बिल्डिंग और नए आधुनिक भवनों का निर्माण भी चल रहा है। आने वाले दिनों में यहां की तस्वीर बदलना तय है। रैपिड ट्रेन के बाद दिल्ली से मेरठ की दूरी और भी कम हो जाएगी। दिल्ली के आसपास के जिले गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद पहले ही पुलिस आयुक्त प्रणाली से लैस हो चुके हैं।
मेरठ अपराध के क्षेत्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब भी नंबर वन है। यातायात शहर की सबसे बड़ी समस्या है। कई क्षेत्रों में यातायात पर नियंत्रण के लिए ई रिक्शा पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है। बावजूद इसके जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलती नहीं दिख रही है। ऐसे में अगर यहां भी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होती है तो इसका सीधा लाभ यहां की जनता को मिलेगा।