प्रत्येक सरल कार्य को इस प्रकार करे जैसे आप किसी कठिन कार्य को करने के लिए कटिबद्ध हैं और कठिन कार्य को इस प्रकार करे जैसे आप कोई बहुत ही सरल कार्य कर रहे हैं। कुछ कार्य नित्य नियम से कीजिए, जिन्हें आप टालना चाहते हैं। इस प्रकार आपको अपने प्रत्येक कत्र्तव्य को बिना कष्ट के करने का अभ्यास हो जायेगा। पहले विचार करे फिर किसी निर्णय पर पहुंचे। निर्णय लेने के पश्चात निर्धारित कार्यक्रमानुसार कार्य आरम्भ कर दें, शंकाओ, कुशंकाओ को मन से निकाल दे और कार्य सम्पादन कर परिणाम की प्रतीक्षा करे। प्रत्येक कार्य को इस विश्वास के साथ करें कि मुझे सफल होना है। प्रत्येक कार्य को निष्ठा से करें। उपेक्षापूर्वक कार्य करने से कार्य में असफलता ही मिलती है। कार्य स्थल से हटने के बाद कार्य को मस्तिष्क से निकाल दें। कार्य से अवकाश ले लेने से मस्तिष्क को मिलने वाली ताजगी कार्य को मस्तिष्क में लिये रहने से मिलने वाले लाभ से अधिक मूल्यवान है। कार्य को करते हुए डरते रहना कि कहीं कोई भूल न हो जाये, जीवन की सबसे बड़ी भूल है। आत्म विश्वास को डिगने न दें, सफलता निश्चित ही कदम चूमेगी।