Saturday, April 5, 2025

मेरठ: आबूलेन में हिंदू नाम बताकर शीबा का इजलाल से कराया था परिचय

मेरठ। बेगुनाहों के खून से हाथ रंगने वाला अरबों की संपत्ति का मालिक इजलाल कुरैशी सोमवार को अदालत के कटघरे में मुजरिम बनकर खड़ा था। इस वारदात के बाद वो अर्श से फर्स पर आ गया। हाई प्रोफाइल जिंदगी जीने वाली कान्वेंट में पढ़ी लिखी एमबीए पास शीबा सिरोही कटघरे के पास मुंह छिपाए महिला पुलिसकर्मियों का हाथ थामे बैठी हुई थी। सजा सुनने के बाद उसकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। अब उसे ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा।
पिता सेना में कर्नल। मां मेरठ के नामचीन सीबीएसई स्कूल की प्रिंसिपल। पति सेना में कैप्टन। कान्वेंट स्कूल में पढ़ी लिखी शीबा सिरोही हाई प्रोफाइल परिवार से ताल्लुक रखती थी। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना। एमबीए की डिग्री। घूमने का शौक। महंगे कपड़े पहनना उसका शगल था। पिता की मौत हो चुकी थी। मां ने मेरठ से दुबई का रुख कर लिया। वो वहां एक शिक्षण संस्थान में उच्च पद पर नौकरी करने लगीं।

 

शीबा सिरोही के पति से विचार नहीं मिले। बात कोर्ट तक पहुंच गई थी। शीबा अब गंगानगर के राधा गार्डन में अकेली रहने लगी। बात साल 2006 की है। शीबा सिरोही अपनी एक सहेली के साथ आबूलेन स्थित नामचीन ब्रेकरी पर गई थी। वहां शीबा को उसकी जान पहचान का एक युवक मिला। उसके साथ इजलाल कुरैशी भी था। शीबा के उसी जानकार ने इजलाल से मुलाकात कराई।

 

बकौल मुकदमे के विवेचक रहे तत्कालीन इंस्पेक्टर डीके बालियान को शीबा ने उस वक्त जो बयान दिया…उसके मुताबिक इजलाल को शीबा के एक परिचित ने हिंदू नाम बताकर मिलवाया था। दूसरी मुलाकात में इजलाल ने शीबा का नंबर ले लिया। बातें होनी लगी। अकेली रह रही शीबा को आने-जाने में कहीं दिक्कत नहीं थी। इजलाल का रुआब और पैसे देखकर शीबा उसके करीब पहुंचती गई। शीबा को इजलाल के असली नाम का जब तक पता चला तब तक बाद बहुत आगे बढ़ चुकी थी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

75,563FansLike
5,519FollowersFollow
148,141SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय