नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर विपक्ष के नेता के तौर पर लोकसभा में बोलते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। बजट की तीखी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल के निशान पर भी कटाक्ष किया। राहुल गांधी ने कहा कि ये लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, लेकिन ये हिंदू धर्म को समझते ही नहीं हैं। हिंसा और नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों की तरफ इशारा करते हुए राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि इंडिया गठबंधन ने प्रधानमंत्री के आत्मविश्वास को हिला दिया है। राहुल गांधी के भाषण के बीच कई बार केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू एवं प्रल्हाद जोशी और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने उठकर विरोध भी जताया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राहुल गांधी के बीच तीखी और जोरदार बहस भी लोकसभा में देखने को मिली। किरेन रिजिजू ने यह आरोप लगाया कि राहुल गांधी को नियमों की जानकारी नहीं है, वे नियम को मानते नहीं हैं और स्पीकर को भी चैलेंज करते हैं।
राहुल गांधी ने नेता विपक्ष के पद की गरिमा को गिरा दिया है। सदन नियमों और देश संविधान से चलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरे भाषण के दौरान (पिछले सत्र में) हंगामा किया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी द्वारा सदन में पोस्टर लहराने का विरोध करते हुए कहा कि यह नियमों के खिलाफ है और वे सदन में ऐसा नहीं होने देंगे। किसानों को संसद भवन परिसर में आने की अनुमति नहीं देने के राहुल गांधी के आरोपों को भी स्पीकर बिरला ने गलत बताते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति में किसान नेताओं ने बयान देकर संसद के नियमों को तोड़ने का काम किया, क्योंकि संसद भवन परिसर के अंदर सिर्फ सांसद ही बयान दे सकते हैं।
स्पीकर बिरला ने राहुल गांधी को सदन और संसद के नियमों को पूरा पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि वे (राहुल गांधी) संवैधानिक पद पर हैं, विपक्ष के नेता हैं और उनसे नियमों एवं मर्यादाओं का पालन करने की अपेक्षा की जाती है।