Friday, September 20, 2024

नोएडा में साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर रिटा. मेजर जनरल से दो करोड़ ठगे

नोएडा। पढ़े लिखे व शहरी व्यक्ति भी साइबर अपराधी की जाल में फंस अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए साइबर अपराधी तरह-तरह की तरकीब अपना रहे हैं। जनपद गौतमबुद्व नगर में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं से लोग सशंकित हैं। नया मामला दो करोड़ रुपए ठगी का प्रकाश में आया है।

 

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जानकारी के अनुसार साइबर अपराधियों ने एक रिटायर्ड मेजर जनरल को अपने जाल में फंसाकर उनसे दो करोड रुपए की ठगी कर ली है। साइबर अपराधियों ने उनसे कहा कि उनके द्वारा विदेश में एक पार्सल भेजा जा रहा है जिसमें आपत्तिजनक वस्तु है। अपराधियों ने उन्हें कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान पीड़ित से कहा गया कि वह बैंक जाकर बताएं गए खाते में सारी रकम ट्रांसफर कर दे। जांच के बाद रकम पुनः खाते में पहुंच जाएंगी। मुंबई पुलिस और सीबीआई के अधिकारी बनकर बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया।
 

साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार गौतम ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में नोएडा के सेक्टर-31 में रहने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल एनके धीर ने बताया कि 10 अगस्त 2024 को उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह डीएचएल कोरियर से बोल रहा है। उसने कहा कि आपके नाम से मुंबई से ताइवान एक पार्सल बुक हुआ है। उसने बताया कि मुंबई कस्टम ने संदिग्ध होने पर पार्सल को खोला तो उसमें पांच पासपोर्ट, 4 बैंक के क्रेडिट कार्ड और कपड़े तथा 200 ग्राम एमडीएमए (ड्रग्स) और एक लैपटॉप है। उसने कहा कि यह अवैध सामान है।

 

 

पीड़ित के अनुसार आरोपी ने उसे कथित मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस के अधिकारी से बात करवाई, तथा उक्त अधिकारी ने अपना नाम अजय कुमार बंसल बताया। उसने अपना आई कार्ड और फोटो भी भेजा। सारी बातें व्हाट्सएप पर हुई, जिसमें कॉलर को देखा नहीं जा सकता। जबकि आरोपी उन्हें देख रहा था। उसने पूछताछ के लहजे में बात किया। और सीबीआई का एक लेटर भेजा। जिसमें साफ-साफ लिखा था कि उन्हें जेल जाने से बचाना है तो किसी के साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं करनी है। पीड़ित के अनुसार उसे घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया।

 

 

 

पीड़ित से कहा गया कि वह अपनी सारी मुमेंट शेयर करें। उसने दावा किया कि उन पर हमला हो सकता है। चेन्नई के डॉक्टर कपल का उदाहरण दिया, जिनकी कुछ दिन पहले हत्या कर दी गई थी। उसने रिटायर्ड जनरल से फाइनेंशियल स्टेटस पूछा और म्युचुअल फंड्स और एफडी को बताएं गए अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा गया। पीड़ित के अनुसार आरोपियों के पास उनके फंड की पूरी जानकारी थी। 14 अगस्त को उन्होंने बिना किसी को बताए बैंक में जाकर बताए गए अकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी। आरोपियों ने एक अकाउंट बनाया था, जिसमें रकम ट्रांसफर कराई गई। पीड़ित से कहा गया कि बाद में उनकी रकम वापस कर दी जाएगी। पीड़ित के अनुसार आरोपियों ने उनकी रकम हड़प ली है।

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