मेरठ। जाकिर काॅलोनी में हादसे को तीन दिन बीत गए हैं। पूरा इलाका अभी भी मातम की जद में है। परिजनों और रिश्तेदारों के विलाप से हर दिल जार-जार नजर आ रहा है। हालत यह है कि ढांढस बंधाने की कोशिश करते आसपास के लोग खुद ही फफक पड़ते हैं।
उधर, पीड़ित परिजनों को सांत्वना देने के लिए विभिन्न दलों के राजनीतिज्ञ, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों के आने का सिलसिला जारी है। वहीं, हादसे में घायल सायमा की हालत अस्पताल में स्थिर बनी हुई है। लगातार हो रही बारिश के चलते शनिवार शाम करीब साढे चार बजे जाकिर कॉलोनी में नफ्फो उर्फ नफीसा (65) पत्नी अलाउद्दीन का तीन मंजिला मकान ढह गया था। हादसे में ऊपरी मंजिल पर मौजूद परिवार के 15 लोग और निचली मंजिल पर डेयरी में मवेशी दब गए गए थे।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। शनिवार रात मलबे से निकाले गए नफ्फो और उसका पुत्र साजिद (36), साजिद की पुत्री सानिया (15) और पुत्री रिया (10) व पुत्र साकिब (12), पड़ोसी रिश्तेदार सरफराज की पुत्री समरीन की मौत हो गई थी। गमगीन माहौल में शवों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। सोमवार को भी रिश्तेदारों का आना जारी रहा। हादसे को याद करते हुए पीड़ित परिजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं। अभी भी पीड़ितों के दिल में हादसे की दहशत है।