Friday, November 22, 2024

2024 में टैक्स रिफंड 2 लाख करोड़ रुपये के पार, एक साल में हुई 56.49 प्रतिशत की बढ़त

नई दिल्ली। देश की मजबूत अर्थव्यवस्था का असर देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह पर भी देखने को मिल रहा है। इसमें वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से अब तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 16 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। सरकार की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में (1 अप्रैल से 17 सितंबर) तक देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.12 प्रतिशत बढ़कर 9.95 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

 

 

इस दौरान टैक्स रिफंड में भी उछाल देखने को मिला है और यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 56.49 प्रतिशत बढ़कर 2.05 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 1 अप्रैल से 17 सितंबर के बीच शुद्ध व्यक्तिगत आयकर संग्रह में भी बड़ा उछाल देखने को मिला है। यह सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 5.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 10.55 प्रतिशत बढ़कर 4.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है। सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) का संग्रह बढ़कर 26,154 करोड़ रुपये हो गया है। अग्रिम कर संग्रह सालाना आधार पर 22.61 प्रतिशत बढ़कर 4.36 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अग्रिम व्यक्तिगत आय संग्रह में 39.22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कॉरपोरेट टैक्स में 18.17 प्रतिशत की बढ़त हुई है।

 

 

समीक्षा अवधि में रिफंड को मिलाकर सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 21.48 प्रतिशत बढ़कर 12.01 लाख करोड़ रुपये रहा है। चालू वित्त वर्ष में सरकार की ओर से प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट टैक्स और अन्य टैक्स) से 22.12 लाख करोड़ रुपये संग्रह करने का लक्ष्य तय किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष से करीब 13 प्रतिशत ज्यादा है। देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़त की वजह अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। 2024-25 में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय