Friday, September 20, 2024

तिरुपति लड्डू को लेकर मंदिर के पुजारी,बोले-कई साल पहले घी में अशुद्धियाँ देखी,अधिकारियों और ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष को बताया,इसकी परवाह नहीं की

नई दिल्ली। तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम को लेकर विवाद ने तूल पकड़ा है। मंदिर के पूर्व पुजारी एवी रमण दीक्षितुलु ने आरोप लगाया है कि लड्डू बनाने में उपयोग किए जाने वाले घी की गुणवत्ता ठीक नहीं थी और उसमें अशुद्धियाँ थीं। उनका कहना है कि घी घटिया क्वालिटी का था, जो प्रसाद की शुद्धता और परंपरागत मानकों के विपरीत है।

यह विवाद तिरुपति मंदिर की प्रतिष्ठा से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील है, क्योंकि तिरुपति लड्डू प्रसादम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध भी है। इस मुद्दे पर मंदिर प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।

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रमण दीक्षितुलुन ने कहा, ”मैंने कई साल पहले इस पर ध्यान दिया था। मैंने इसे संबंधित अधिकारियों और ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के सामने रखा था। लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। यह मेरे लिए एक अकेले की लड़ाई है, लेकिन अब, नई सरकार (चंद्रबाबू नायडू की सरकार) ने सत्ता संभाली है और उसने सारी गंदगी साफ करने का वादा किया है।”
कहा, ”उन्होंने पहले ही सरकारी डेयरियों से शुद्ध गाय का घी खरीद लिया है और वे अब शुद्ध घी से खाद्य सामग्री तैयार कर रहे हैं। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस तरह के महापाप मंदिर में दोबारा न हों, जो एक पवित्र मंदिर है जिसमें करोड़ों भक्तों की गहरी आस्था और भक्ति है।”

तिरुपति लड्डू प्रसादम को लेकर सामने आए इस नए विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। लैब रिपोर्ट के अनुसार, लड्डू के सैंपल में “लार्ड” (सूअर की चर्बी) और मछली के तेल के अंश पाए गए हैं। यह रिपोर्ट 9 जुलाई 2024 को लिए गए सैंपल की जांच पर आधारित है, जो 16 जुलाई को जारी की गई थी।

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए इसकी गहन जांच की मांग की है। चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने आरोप लगाया है कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया था, जो हिंदू धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं के विरुद्ध है। यह मामला संवेदनशील इसलिए भी है क्योंकि तिरुपति लड्डू को शुद्ध और पवित्र प्रसाद माना जाता है, और इसका अपवित्र होना श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत कर सकता है।

हालांकि, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। TTD की ओर से स्पष्टीकरण और जांच की संभावना पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

तिरुपति लड्डू विवाद में जानवरों की चर्बी का मुद्दा गंभीरता से उभर रहा है। बीफ टैलो और लार्ड, जो क्रमशः गाय और सुअर की चर्बी से बनते हैं, इनका उपयोग खाद्य पदार्थों में फैट के रूप में किया जाता है। ये घी जैसे दिखते हैं, इसलिए इन्हें आसानी से खाने में मिलाया जा सकता है। बीफ टैलो को धीमी आंच पर पकाकर उसके फैट को निकाला जाता है, जबकि लार्ड सुअर की चर्बी से बनता है और इसका उपयोग चिकनाई के रूप में होता है।

फरवरी 2024 में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के मानद मुख्य पुजारी एवी रमण दीक्षितुलु को उनके पद से हटा दिया था। यह फैसला विवादित माना गया था, और तब से एवी रमण दीक्षितुलु ने मंदिर प्रशासन और इसके कार्यों पर कई बार सवाल उठाए हैं। इस नए विवाद में रमण दीक्षितुलु की आलोचनाएं भी सामने आई हैं, जिन्होंने पहले ही लड्डू प्रसादम की गुणवत्ता को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी।

अब यह विवाद राजनीतिक और धार्मिक हलकों में जोर पकड़ रहा है, और TTD के आधिकारिक बयान का इंतजार है, ताकि इस पूरे मामले पर स्थिति स्पष्ट हो सके।

 

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने 26 फरवरी 2024 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की थी, जिसमें एवी रमण दीक्षितुलु के आचरण पर चर्चा की गई। बैठक में यह पाया गया कि रमण दीक्षितुलु ने टीटीडी के अधिकारियों, वरिष्ठ और कनिष्ठ पुरोहितों, अर्चकों, और पोटू (मंदिर रसोई) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाए थे। इन आरोपों को टीटीडी बोर्ड ने संस्था की प्रतिष्ठा को “अपूरणीय क्षति” पहुंचाने वाला माना।

 

इसके परिणामस्वरूप, बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रमण दीक्षितुलु को मानद मुख्य पुजारी के पद से हटाया जाए। यह कदम उनकी ओर से बार-बार मंदिर प्रशासन और संबंधित अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में उठाया गया था।

 

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