नोएडा। साइबर ठगों ने एक आईटी इंजीनियर को शेयर मार्केट में निवेश कराने के नाम पर 1.39 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर ली। ठगों ने पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़कर मुनाफे का झांसा दिया और ठगी कर की। पीड़ित ने घटना की शिकायत थाना साइबर क्राइम पुलिस से की है। साइबर थाने की टीम मामले की जांच कर रही है।
थाना साइबर क्राइम के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार गौतम ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी विश्वदीप सरकार एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में आईटी इंजीनियर हैं। करीब चार महीने पहले उनके व्हाट्स एप पर कॉल आई और कॉलर ने खुद को एक शेयर ट्रेडिंग कंपनी का अधिकारी बताया।
उसने कहा कि उसकी कंपनी अच्छी ट्रेनिंग व जानकारी देकर मुनाफा दिलाती है। इसके बाद जालसाज ने एक व्हाट्स एप ग्रुप में पीड़ित को जोड़ लिया। उसपर कई लोग पहले से जुड़े थे। व्हाट्स ग्रुप में सभी लोग मुनाफे के बारे में बताते रहते थे। इस पर विश्वदीप का विश्वास और बढ़ गया। इसके बाद एक के बाद एक करके कई बार में 1 करोड़ 39 लाख रुपये जालसाजों के बताए अलग-अलग खातों में उसने भेज दिया। वहीं व्हाट्स ग्रुप पर जालसाज काफी अधिक रकम मुनाफे का दिखा रहे थे। जब शख्स ने रकम वापसी के लिए जालसाजों से कहा तब अलग-अलग मदों में और रकम मांगी गई। तब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और पुलिस से शिकायत की। उन्होंने बताया कि इस मामले में साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस उन खातों की जांच कर रही है। जिनमें ठगी की रकम गई है।
थाना साइबर क्राइम के प्रभारी ने बताया कि इस मामले की जब जांच की गई तब पता चला कि ठगी की रकम कई खातों में गई है। इनमें अधिकतर खाते महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल के हैं। पुलिस अब उन खातों के बारे में पता लगा रही है। आशंका जताई जा रही है कि पश्चिम बंगाल के गैंग ने इस ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। साइबर टीम इसके लिए काम कर रही है।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से निवेश, रिव्यू, टास्क पूरा कराने समेत कई अन्य नाम पर सबसे अधिक ठगी की वारदात हो रही है। इस ठगी की ट्रेंड में अब फर्जी स्टॉक एक्सचेंज जैसा सेटअप भी शामिल हो गया है। जानकारों ने बताया कि साइबर जालसाज सबसे पहले इस तरह की ठगी के लिए सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, एक्स, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, फेसबुक आदि के माध्यम से लोगों से संपर्क करते हैं।
इसके बाद ऐसे लोगों को घर बैठे लाखों रुपये की कमाई का झांसा देकर विश्वास में ले लेते हैं। इस मॉड्यूल के तहत ठगी के शिकार लोगों को टेलीग्राम, व्हाट्स एप ग्रुप में जोड़ कर रिव्यू का टास्क देते हैं। इसके बाद किसी साइट या क्रिप्टो में निवेश कराने के लिए प्रेरित करते हैं।