नोएड़ा। सामाजिक संस्था कनफिडिरेशन ऑफ एनसीआर रेजिडेन्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कोनरवा) की नोएडा चैप्टर की हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि नोएडा के स्थापना के 48 वर्ष बाद भी नोएड़ा प्राधिकरण शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाया है।
जनता की मूलभूत समस्याओं को लेकर शनिवार को सेक्टर-27 स्थित क्लब-27 में कोनरवा ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता में कोनरवा अध्यक्ष पीएस जैन, महासचिव राजीव गर्ग, संयोजक बीबी वलेचा, मनीष शर्मा, लोकेश कश्यप, दिनेश जैन, किरन भारद्वाज, मीरा हेमन्त, रविन्द्र के अहलूवालिया, महेन्द्र कटारिया, सुष्मिता चक्रवर्ती, गिरीश कपूर, ब्रि. अशोक हक, एमसी भारद्वाज सहित अन्य शामिल रहें।
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प्रेस वार्ता के दौरान कोनरवा अध्यक्ष पीएस जैन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नोएड़ा उत्तर प्रदेश का आर्दश शहर है। यहां पर इन्फ्रास्ट्रेक्चर का विकास प्राधिकरण द्वारा काफी अच्छा किया गया है। विकास की इस कड़ी में नोएडावासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना भी नोएडा प्राधिकरण का दायित्व है। नोएड़ा को स्थापित हुए 48 वर्षों से अधिक होने के बाद भी नोएड़ा प्राधिकरण शहरवासियों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति करने में सफल नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नागरिकों का मौलिक अधिकार है तथा प्राधिकरण की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि प्राधिकरण द्वारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर ली जाती है तो लाखों लीटर पानी की बरबादी को भी रोका जा सकता है। गंगा जल में रेनी वेल के पानी को मिक्स करने से गंगा जल भी दूषित हो जाता है अथवा गंगा जल पीने योग्य नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि तथा टयूबवेल पर भी आवश्यकतानुसार ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लगाया जाना चाहिए।
नोएड़ा की आवासीय भूमि को कराया जाए फ्री होल्ड पीएस जैन ने बताया कि नोएड़ा प्राधिकरण की आवासीय भू-खण्ड की संपति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किये जाने के संबंध में 10 अक्टूबर 2018 में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसमें मुख्य विधि सलहाकार, विति नियंत्रक, विशेष कार्याधिकारी, उप महाप्रबंधक नियोजन व मैसर्स ई एण्ड वाई कंपनी का प्रतिनिधि सदस्य के रूप में नामित हुए थे। समिति द्वारा अपनी बैठक कर एक संस्तुति दी थी, जिसको दृष्टिग्त रखते हुए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि आवासीय भू-खण्डो को फ्री होल्ड किये जाने के संबंध में विस्तृत रिर्पोट तैयार की जाए। समिति के द्वारा फ्री होल्ड किये जाने पर प्राधिकरण को होने वाली संभावित लाभ-हानि की क्षति पूर्ति के लिए उठाये जाने वाले कदम व आदि विषयों पर विस्तृति चर्चा के बाद समिति द्वारा लीज होल्ड को फ्री होल्ड किये जाने की संस्तुति दी गई। जिसमें कहा गया था कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में प्राप्त आय के अनुसार आवासीय भूखण्डों की परिसम्पत्तियों से प्राधिकरण की औसत आय 81.58 रुपए करोड़ रही है। प्राधिकरण की आवासीय भूखण्ड की परिसम्पत्तियों को लीज-होल्ड से फ्री होल्ड किये जाने पर प्राधिकरण के वर्तमान आय के स्रोत का विवरण भी दिया गया। समिति की इस संस्तुति के आधार पर 195वीं बोर्ड बैठक 1 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव रखा गया तथा बैठक में संचालक मंडल द्वारा विस्तृत चर्चा के उपरान्त नोएड़ा की भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किये जाने पर सैद्धांतिक सहमति दी गई तथा संस्तुति के साथ प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी को प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए अधिकृत किया गया। जिसे उनके द्वारा 26 मई 2020 को शासन के प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, औद्योगिक विकास अनुभाग-4, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को भेज दिया गया। जो अब तक अधर में लटका हुआ है।
संस्था के संरक्षक दिनेश जैन ने कहा कि नोएडा में अब तक शहर में कोई भी ऐसी पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सेवा नहीं है जिसमें एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में निवासी सुविधापूर्वक आ जा सके। इसके लिए शहर में यात्रियों को औला और उबर के माध्यम से अपनी यात्रा करनी पड़ती है। जो लोग इस को वहन कर सकते हंै वह इसका उपयोग करते है परन्तु मजदूर वर्ग व निम्न आय वर्ग के लोग इसका उपयोग नही कर पाते, वह पब्लिक ट्रान्सपोर्ट पर निर्भर होते है। इस लिए शहर का अपना एक पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सेवा होनी चाहिए जो प्रत्येक सेक्टर के अन्तिम व्यक्ति तक अपनी पहंुच रखे व किसी भी अन्य सेक्टर में आने-जाने की सुविधा हो। जिस से शहर के सभी नागरिक उसका लाभ उठा सके।
पीएस जैन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार न्यू नोएड़ा के गठन पर गम्भीरता पूर्वक विचार कर रही है। इस संबंध में सुझाव है कि इसके लिए अलग से एक प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए। नोएड़ा का वर्तमान क्षेत्रफल लगभग 200 वर्ग किमी है। आबादी लगभग 15 लाख है तथा कुल सेक्टर 163 है। प्राधिकरण के अन्दर वर्तमान में ही स्टाफ की बहुत भारी कमी है। जानकारी मिली है कि प्राधिकरण न्यू नोएड़ा के लिए अलग से स्टाफ की मांग कर रहा है। ऐसे में उचित होगा कि न्यू नोएड़ा के लिए एक अलग से प्राधिकरण का गठन किया जाए।
जिससे स्वतंत्र अधिकारी होने से, उनका पूर्ण ध्यान केवल उस नये क्षेत्र का विकास करने का होगा। इससे इस दिशा में कार्य अधिक हो सकेगा। अधिकारी पर अधिक भार, दायत्वि व अधिकार देने से कार्यों पर न तो सही ध्यान दिया जाता है न गुणवता होती है। नोएड़ा के सीईओ के पास वर्तमान में ही मेट्रो व प्राधिकरण का काम इतना है कि वे इस पर प्रयाप्त समय नहीं दे पाते है। अतः गुणवता व जनहित के कार्यों का हाल जो जग जाहिर है।
लोकेश कश्यप ने नोएडा वासियों की एक अहम समस्या पर बातचीत करते हुए कहा कि नोएड़ा का क्षेत्रफल बहुत बढ़ गया है। यहां के किसी भी कार्य (आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि) जो तहसील स्तर पर होते है उनके लिए लोगों को दादरी जाना पड़ता है। अतः संस्था का सुझाव है कि नोएड़ा की तहसील शहर में ही स्थापित की जाए।