लखनऊ। हमेशा से अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम का एक बयान इस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वह मौलानाओं पर जमकर फायर होते नजर आ रहे हैं।
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शनिवार दोपहर मीरापुर विधानसभा उपचुनाव की मतगणना के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व विधायक संगीत सोम शुक्र तीर्थ में आयोजित चौहान क्षत्रीय कल्याण महासभा के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। जिसमें उन्होंने मदरसों और मौलवियों को निशाना बनाया। उन्होंने मदरसों पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां बच्चों को गलत शिक्षाएं दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि मौलवी “अनपढ़ गवार” हैं और समाज में उनका कोई प्रभाव नहीं है। मौलवियों को “दो टके के” कहकर उनकी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि मदरसों में बच्चों को “आतंकवाद का पाठ” पढ़ाया जाता है।
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उन्होंने कहा कि मदरसों में बच्चों को गलत काम सिखाए जाते हैं और वहां संस्कारों की शिक्षा नहीं दी जाती। संगीत सोम ने गुरुकुलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां बच्चों को संस्कार और देशभक्ति की शिक्षा दी जाती है।उन्होंने सभा में लोगों से कहा कि वे संस्कारवान बनें और बच्चों को गुरुकुलों में शिक्षा दिलाएं। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि “अगर तुम इकट्ठा रहोगे, तो इन मौलानाओं की क्लास जब चाहोगे तब लगा दूंगा।”उन्होंने एकजुटता और संगठन पर जोर दिया।
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संगीत सोम ने कहा कि क्षत्रिय समाज और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि “बटेंगे तो कटेंगे” यह कथन क्षत्रिय समाज पर सबसे ज्यादा लागू होता है, क्योंकि जब भी समाज बंटा है, तब उसे नुकसान उठाना पड़ा है।
संगीत सोम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बटेंगे तो कटेंगे” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कथन क्षत्रिय समाज पर सबसे ज्यादा फिट बैठता है। उन्होंने कहा कि “जब-जब आप बटे हो, हमेशा कटे हो”, यानी जब समाज विभाजित होता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ता है, और अगर समाज एकजुट रहता है तो उसे कोई नुकसान नहीं होता। संगीत सोम ने कहा कि अगर समाज एक रहेगा और नेक रहेगा, तो वह सुरक्षित रहेगा।
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उन्होंने यह भी कहा, “एक रहो, नेक रहो, एक रहोगे तो सुरक्षित रहोगे और अगर आप एक रहोगे तो राष्ट्र भी सुरक्षित रहेगा”। यह बयान उन्होंने समाज की एकता पर जोर देने के लिए दिया। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज का इतिहास भारतीय समाज और संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। संगीत सोम ने यह भी कहा कि अगर क्षत्रिय समाज को इस इतिहास से निकाल दिया जाए, तो यह समाज पूरी तरह गायब हो जाएगा, “एक पन्ने का छोड़िए, दो पन्ने का छोड़िए, वो बचेगा ही नहीं”।
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संगीत सोम ने कहा कि “अब तक किसी की औकात नहीं है” और जब तक हम “इकट्ठे” रहेंगे, कोई हमें काटने की हिम्मत नहीं कर सकता। उन्होंने मौलवियों को “अनपढ़ गवार” बताते हुए कहा कि “दो टके के मौलवी” मंचों पर बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई पूछता नहीं है। मौलवियों की बातें मंचों पर की जाती हैं, लेकिन असल में वे “क्या करते हैं?” उन्होंने सवाल उठाया कि मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है। कहा कि “मदरसों में आतंकवाद का पाठ पढ़ाया जाता है” और बच्चों को “गलत काम सीखने” की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि “मदरसों में बच्चों को पढ़ने की शिक्षा नहीं दी जाती”। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुकुल बच्चों को “देश बनाने की शिक्षा” और “संस्कार” देते हैं। उन्होंने मंच से संस्कारवाद पर जोर देते हुए कहा कि “संस्कारवान बनो”, क्योंकि यही समाज के लिए जरूरी है।
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संगीत सोम ने कहा कि “आप जब-जब बटे हो, तब-तब कटे हो” और यह विशेष रूप से क्षत्रिय समाज के संदर्भ में था। उन्होंने कहा कि समाज को “एक रहना” चाहिए, क्योंकि “एक रहोगे तो सेफ रहोगे” और इस एकता से राष्ट्र भी सुरक्षित रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर क्षत्रिय समाज का नाम इतिहास से निकाल दिया जाए, तो वह एक पन्ना भी नहीं बचेगा”। उनका यह बयान समाज की विरासत और साथ मिलकर काम करने की शक्ति को रेखांकित करता है।
संगीत सोम ने क्षत्रिय समाज की ऐतिहासिक भूमिका को याद करते हुए कहा कि “यह वह समाज है जिसने अखंड भारत बनाने के लिए हजारों हेक्टेयर जमीन दान में दी और कई किले दान कर दिए”। उन्होंने समाज की गौरवमयी परंपराओं और त्याग की सराहना की। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह वही समाज है जिसने “अपनी बहन-बेटियों की इज्जत की रक्षा” के लिए “जौहर” किया और अपनी बलि दी। उनका यह बयान समाज के बलिदान और आत्मसमर्पण की भावना को सम्मानित करता है। संगीत सोम ने “संस्कारवान” बनने की बात कही और यह भी बताया कि “यह प्रेरणा की बात है”, जो समाज को संघर्षों के बावजूद अपनी विरासत और संस्कृति को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है।