नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सफल लैंडिंग की तारीफ करते हुए सोमवार को कहा कि इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे पहले सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे नोएडा हवाई अड्डे पर इंडिगो के विमान ने सफल लैंडिंग की और पांच मिनट बाद टेक ऑफ किया।
खतौली के राजू हत्याकांड में पूर्व चेयरमैन पारस जैन बरी, एक आरोपी दोषी करार, सज़ा पर फैसला आज
मौके पर मौजूद नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया था। मंत्री के पोस्ट को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “निर्माणाधीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उत्तर प्रदेश और एनसीआर के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी और जीवनयापन आसान होगा। हमारी सरकार लोगों के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचा मुहैया कराने और समृद्धि बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी की शक्ति के इस्तेमाल के लिए कई कदम उठा रही है।”
राममोहन नायडू ने एक्स पर पोस्ट कर नोएडा हवाई अड्डे पर पहली सफल परीक्षण उड़ान को इस अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास में “एक बड़ा मील का पत्थर” बताया। उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्डा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति लाएगा और देश के विमानन क्षेत्र के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राममोहन नायडू ने कहा कि यह हवाई अड्डा आर्थिक विकास को बढ़ाएगा, नए अवसर पैदा करेगा और कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, जिससे वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी। नोएडा हवाई अड्डे पर सोमवार को पहली बार कोई विमान उतरा था।
संभल हिंसा के आरोपितों की 5 राज्यों में तलाश, कारतूसों के तस्करों की भी छानबीन जारी
दिल्ली से पहुंची फ्लाइट को वाटर कैनन की सलामी दी गई। यह ट्रायल रन 15 दिसंबर तक चलेगा। प्लेन में क्रू मेंबर, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और हवाई अड्डे के तकनीकी स्टाफ मौजूद थे, जो टेक ऑफ से लेकर लैंडिंग तक पूरा तकनीकी डेटा एकत्र कर रहे थे। एयरपोर्ट का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि अप्रैल 2025 में यहां से पहली कमर्शियल फ्लाइट उड़ान भरेगी। कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं जो विजिबिलिटी कम होने की स्थिति में लैंडिंग और टेक ऑफ में मदद करते हैं। यहां रनवे की लंबाई 3,900 मीटर है।
गौरतलब है कि 1,334 हेक्टेयर में बन रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हालांकि, पूरे एयरपोर्ट का निर्माण 6,500 हेक्टेयर में चार फेज में किया जाएगा। इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल कर रही है। कंपनी 40 साल तक इस एयरपोर्ट का संचालन भी करेगी। पहले फेज की सालाना क्षमता 1.2 करोड़ पैसेंजर की है।