नोएडा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त निर्देशानुसार जनपद गौतमबुद्व नगर में जनपद न्यायाधीश अवनीश सक्सेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन मुख्यालय व तहसील स्तर पर किया गया।
अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ऋचा उपाध्याय ने बताया गया कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में जनपद न्यायाधीश अवनीश सक्सेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीवानी न्यायालय गौतमबुद्धनगर में किया गया। जिसमें जनपद न्यायालय में कार्यरत न्यायिक अधिकारीग द्वारा कुल 160500 वाद तथा प्री-लिटिगेशन स्तर पर राजस्व न्यायालय द्वारा 91265 मामले तथा बैंक द्वारा 365 मामलें, एनपीसीएल द्वारा 112 मामलें व यूपीपीसीएल द्वारा 2680 मामलें तथा श्रम न्यायालय द्वारा 113 मामलों का निस्तारण कर धनराशि 2478991 रुपए प्राप्त किये गए। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा 7272 मामलों का निस्तारण किया गया। बीएसएनएल द्वारा 25 मामलें तथा तथा यातायात विभाग द्वारा 300202 मामलांें का निस्तारण किया गया।
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परिवहन विभाग द्वारा 23963 मामलों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार प्री-लिटिगेशन के 429171 मामलें निस्तारित हुये। उन्होंने बताया कि जनपद गौतमबुद्धनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 589671 वाद निस्तारित किए गए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में नोएडा प्राधिकरण के 3099 मामलें, यमुना प्राधिकरण के 46 मामलें निस्तारित हुये। वहीं पुलिस विभाग द्वारा 7272 मामलों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के अन्तर्गत जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व तहसीलदार आदि समस्त विभागों से प्राप्त विवरण के अनुसार राजस्व के 91265 वाद निस्तारित हुए।
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उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान दिव्यांगजन कल्याण विभाग गौतमबुद्धनगर के सहयोग से चिन्हित दिव्यांगजन दीवानी न्यायालय में उपस्थित हुए जिन्हें 2 इलेक्ट्रिक ट्राई साइकिल व 2 बैसाखी व 1 कान मशीन व 2 घुटने एंव कमर की बैल्ट व 2 छड़ी दिव्यांगजनों को जनपद न्यायाधीश अवनीश सक्सेना द्वारा वितरण करते हुये लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर महिला एंव बाल कल्याण विभाग की योजना के अन्तर्गत चिन्हित 10 बालकों को दीवानी न्यायालय में जनपद न्यायाधीश ने प्रमाण-पत्र देकर लाभान्वित किया गया तथा उप्र. क्षतिपूर्ति योजना के तहत अमीना नामक महिला को क्षतिपूर्ति के संबंध में 2 लाख का चेक देकर लाभान्वित किया गया।