रामपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान से संबंधित 27 मुकदमों में रिवीजन पर फैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा। ये मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों द्वारा दर्ज कराए गए थे और इनकी एक साथ सुनवाई के लिए निगरानी याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी। विशेष मजिस्ट्रेट एमपीएमएलए सेशन कोर्ट द्वारा इस मामले में सोमवार को ही फैसला सुनाया जाना था, लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सका। इसके बाद अब कोर्ट मंगलवार को इन मुकदमों में रिवीजन पर अपना फैसला सुनाएगा।
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आजम खान पर यह मुकदमे किसानों की ओर से जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ दायर किए गए थे। यह मामला रामपुर की अदालत में चल रहा है। इन मुकदमों में जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्यों, भूमि अधिग्रहण और अन्य मुद्दों से संबंधित आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि आजम खान पर आरोप लगा था कि उन्होंने किसानों की जमीन पर कब्जा किया है। मामले की जब जांच की गई तो उन पर सरकारी जमीन पर भी कब्जा करने का आरोप लगा। इस मामले में राजस्व प्रशासन की ओर से मामले में केस दर्ज कराया गया।
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इसके बाद 26 किसानों ने अजीम नगर थाने में आजम खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इससे पहले 28 अगस्त को आजम खान को एक अन्य मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। उनको 2019 में आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया था। सबूतों के अभाव के चलते उन पर आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया और वह इस केस से दोषमुक्त हो गए थे।
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वहीं, जुलाई में डूंगरपुर प्रकरण में अदालत ने आजम खान को बरी कर दिया है। डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है, जब प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने डूंगरपुर में पुलिस लाइन के पास गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाया था। उन पर आरोप लगा कि इस दौरान कुछ लोगों के पहले से बने मकानों को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया था।