पटना। बिहार लोक सेवा आयोग की 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर अभ्यर्थियों के आंदोलन को लेकर अब राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दल आमने -सामने नजर आ रहे हैं। इस बीच, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है।
उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि भाजपा की बी टीम बीपीएससी छात्र आंदोलन को कुचलना चाह रही है। यह बड़ी साजिश है। उन्होंने सीतामढ़ी में कहा, ” हम लोग गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटते थे, इससे अभ्यर्थियों और उनके परिवार के लोगों की आंखों में खुशी दिखती थी, लेकिन मौजूदा सरकार में अभ्यर्थियों की आंखों में आंसू दिख रहे हैं। अभ्यर्थी लठियां खा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं।
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मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं। यह सब भाजपा की बी टीम की साजिश है।” उन्होंने आगे कहा कि पहले गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन चल रहा था, उसे गांधी मैदान ले जाया गया, आखिर इसका दोषी कौन है? उन्होंने बीपीएससी छात्रों से अपील की है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के झांसे में मत आएं, यह आपका आंदोलन है। मेरा नैतिक समर्थन आपके साथ है। इधर, राजद के सांसद मनोज झा ने कहा कि रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुई बर्बर कार्रवाई आपातकाल से बुरे दौर की याद दिलाती है। सरकार और बीपीएससी अभी भी चूक रही है।
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उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के मन में सत्ता में आने के बाद बीपीएससी में बदलाव का एक ब्लूप्रिंट है। लेकिन, मौजूदा सरकार की भी कुछ जिम्मेदारियां है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग इस छात्र आंदोलन को समझ नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, ये चांद का टुकड़ा नहीं मांग रहे हैं। आज आप इन्हें रिलीफ नहीं देंगे, तो कल हम इनकी उचित व्यवस्था करेंगे। जब सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं होगा, सरोकार परिवर्तन होगा।