Sunday, January 12, 2025

मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी से चुनाव लड़ने के लिए ₹40 लाख चंदा मांगा

 

 

 

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी हलचल तेज है। इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की ईमानदार राजनीति इसलिए संभव हो पाई क्योंकि हम बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी बनी है, तब से दिल्ली के आम लोगों ने पार्टी को सपोर्ट किया। पार्टी को दान दिया और चुनाव लड़ने के लिए पैसे दिए। 2013 में जब हमने पहला चुनाव लड़ा था, तब दिल्ली में जब हम घर-घर जाते थे तो कोई हमें 10 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और कुछ लोग 500 रुपये देते थे। कहा कि आज मैं अपने चुनाव के लिए एक क्राउड फंडिंग की शुरुआत कर रही हूं, जो 40 लाख रुपये मुझे चाहिए चुनाव लड़ने के लिए। दिल्ली और देश के लोगों से अपील है कि मुझे चंदा दे।

 

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लोगों के इन छोटे-छोटे दानों से आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जब हम नुक्कड़ सभा करते थे, तो उसके बाद एक चादर बिछाई जाती थी। दिल्ली के गरीब से गरीब लोग भी इस ईमानदार राजनीति को समर्थन देने के लिए उसमें 10 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये डालते थे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ 2013 का ही नहीं, बल्कि 2015 और 2020 के चुनावों में भी दिल्ली के आम लोगों ने और देशभर से आम लोगों ने आम आदमी पार्टी को दान दिया, ताकि हम ईमानदार राजनीति कर सकें। आम आदमी पार्टी की ईमानदार राजनीति और काम की राजनीति इसीलिए संभव हो पाई है क्योंकि हम चुनाव लड़ने के लिए चंदा बड़े-बड़े बिजनेसमैन दोस्तों से नहीं लेते हैं।

 

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आज हमारे देश के लोकतंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है कि राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए बड़े-बड़े उद्योगपतियों, व्यापारियों और ठेकेदारों से पैसे लेते हैं। इसके बाद जब वे सत्ता में आते हैं, तो खुद तो भ्रष्टाचार के तरीके से पैसे कमाते हैं, लेकिन उनकी पूरी एनर्जी और समय अपने उद्योगपति दोस्तों को बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट दिलवाने में लग जाता है। सीएम ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के आम लोगों के लिए काम करती है, क्योंकि आम लोग ही हमें चुनाव लड़वाते हैं। अगर हमने चुनाव लड़ने के लिए बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों से पैसा लिया होता, तो हम प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित नहीं कर पाते।

 

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अगर हमने बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों से पैसा लिया होता, तो हम सरकारी अस्पतालों को ठीक नहीं कर पाते। अगर हमने बड़ी दवाई कंपनियों से पैसा लिया होता, तो हम मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त दवाइयां और इलाज नहीं दे पाते। लेकिन हमने चुनाव लड़ा दिल्ली के आम लोगों के छोटे-छोटे दान से, और यही वजह है कि हम उनकी भलाई के लिए काम कर पा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कालकाजी विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए जनता मुझे को क्राउडफंडिंग के जरिए मदद करेगी। मैं आज क्राउडफंडिंग की शुरुआत कर रही हूं।

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