सहारनपुर- राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने सहारनपुर नगर निगम को आदेश दिया है कि बूचडखाने काे तत्काल आबादी से बाहर किया जाए।
नगर आयुक्त संजय चौहान ने गुरुवार को कहा कि निगम एनजीटी के आदेशों का पालन करेगा। यह बूचड़खाना एनजीटी के पूर्व के आदेशों के तहत जून 2024 से बंद पड़ा है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि आबादी के बीच में
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बूचड़खाने के संचालन से वायु एवं जल प्रदूषित होता है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। आदेश में कहा गया है कि पशुओं के अपशिष्ट और खून नालियों में बहने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। नगर निगम एक फरवरी तक इस बूचड़खाने को आबादी से बाहर करेगा।
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मेयर डा अजय सिंह ने कहा कि वह एनजीटी के फैसले का अध्ययन कर रहे है मगर नगर आयुक्त आदेशों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि नगर निगम एनजीटी के आदेशों का सम्मान करता है और उसका तय समयावधि में पालन किया जायेगा। हालांकि निगम के पास अत्याधुनिक मशीनें है और निगम को इस बूचडखाने से करीब ढाई करोड़ वार्षिक की आय होती है।
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नगर आयुक्त ने कहा कि निगम के बूचड़खाने को लेकर एनजीटी लगातार पर्यावरण को लेकर संवेदनशील है और पहले भी उसके आदेश आये है जिनका निगम ने पालन किया है।