मेरठ। मेरठ में हुए स्टांप घोटाले के मामले में एक और मुकदमा सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया है। इसमें मुख्यारोपी विशाल वर्मा, दो प्राॅपर्टी डीलर संजीव गुप्ता निवासी कमला नगर टीपीनगर व अतुल गुप्ता निवासी तेजपाल एन्कलेव टीपीनगर को नामजद किया है। दोनों प्रॉपर्टी डीलरों भाजपा नेता के साथ पार्टनर हैं।
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आरोप है कि प्रॉपर्टी डीलरों ने जानी में जमीन की खरीद कराई थी और फिर जबरन विशाल वर्मा के यहां जमीन के दस्तावेज बताकर बैनामा करवाया है। बैनामे में लगे स्टांप फर्जी हैं। दोनों प्रॉपर्टी डीलरों की फर्म के नाम पर पहले भी मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसमें पुलिस ने विवेचना में भी फर्म मालिक के नाम नहीं खोले थे। दोनों प्रॉपर्टी डीलरों की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है।
997 रजिस्ट्री में फर्जी स्टांप लगाकर करीब 10 करोड़ की राजस्व हानि हुई है। एडीएम वित्त और रजिस्ट्री कार्यालय से रिकवरी के नोटिस भेजे जाने लगे, जिसके बाद लोगों में खलबली मची। मुख्य आरोपी विशाल वर्मा, स्टांप वेंडर अक्षय गुप्ता, नौकर सहित चार लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जोकि जेल में बंद है। जानी के मोहम्मदपुर निवासी धमेंद्र यादव की तहरीर पर स्टांप घोटाले के मामले में शनिवार को सातवां मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
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इस प्रकरण को लेकर मेरठ व्यापार मंडल के अध्यक्ष जीतू नागपाल और महानगर अध्यक्ष शैंकी वर्मा के साथ पीड़ित व्यापारी पुलिस-प्रशासन अधिकारियों के यहां कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। मुख्य आरोपी की संपत्ति जब्त कर उससे ही रिकवरी की मांग की है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना कि दोनों प्रॉपर्टी डीलरों की वासु और अन्य नामों से फर्म है। एक मुकदमे में तीन फर्म पर मुकदमा लिखा गया था। बताया गया है कि दोनों प्रॉपर्टी डीलर द्वारा जबरन अधिवक्ता विशाल वर्मा के चेंबर पर लाया जाता था। जहां पर फर्जी स्टांप लगाकर रजिस्ट्री कराई जा रही थी। इस प्रकरण में रजिस्ट्री कार्यालय और कोषागार के अधिकारियों की जांच विभागीय स्तर से कराई जा रही है।