मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अब उनकी पैतृक संपत्ति पर संकट मंडरा रहा है। खबरों के अनुसार, पटौदी खानदान की लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत कब्जा कर सकती है।
मुज़फ्फरनगर में कारीगर चालीस लाख रुपयों का आधा किलो सोना लेकर फरार, व्यापारियों में हड़कंप
क्या है मामला?
सैफ अली खान की पैतृक संपत्ति, जिसमें भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियां शामिल हैं, पर साल 2015 से स्टे लगा हुआ था, जो अब समाप्त हो चुका है। सरकार ने पटौदी परिवार को इस मामले में अपना पक्ष रखने का मौका दिया था, लेकिन परिवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक दावा पेश नहीं किया गया है।
मुजफ्फरनगर में इस्लामिया इंटर कॉलेज ने बंद कर दी गली, हिन्दू संगठन नेताओं ने किया हंगामा
यह अधिनियम विभाजन के बाद पाकिस्तान या चीन चले गए नागरिकों की संपत्ति पर केंद्र सरकार को अधिकार देता है। भोपाल के आखिरी नवाब हामिदुल्लाह खान की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं। वहीं, दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान, जो सैफ अली खान की दादी थीं, नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी कर भारत में ही रहीं।
मुजफ्फरनगर में एमडीए ने अवैध कालोनियों पर चलाया महाबली, निर्माण किए ध्वस्त
सरकार ने आबिदा सुल्तान के हिस्से की संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत कब्जे में लेने का दावा किया है। हालांकि, 2019 में कोर्ट ने साजिदा सुल्तान को संपत्ति का असली वारिस माना था, लेकिन नए फैसले के बाद स्थिति बदलती नजर आ रही है।
सैफ अली खान की पैतृक संपत्तियों में फ्लैग स्टाफ हाउस (जहां सैफ का बचपन बीता),नूर-उस-सबा पैलेस,दार-उस-सलाम बंगला,हबीबी का बंगला,अहमदाबाद पैलेस,कोहेफिजा संपत्ति शामिल हैं।
2019 में कोर्ट ने नवाब साजिदा सुल्तान को संपत्ति का वैध वारिस माना था। इसके बावजूद सरकार आबिदा सुल्तान के माइग्रेशन पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनके हिस्से की संपत्ति पर दावा कर रही है।
इस फैसले के बाद सैफ अली खान को अपनी पैतृक संपत्ति पर दावा बनाए रखने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत इस संपत्ति को जब्त करती है, तो सैफ को अपनी दादी के हिस्से की संपत्ति के लिए पर्याप्त सबूत और तर्क प्रस्तुत करने होंगे।