प्रयागराज। महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल हो गए। उनमें से एक, बिहार की 65 वर्षीय मुन्ना देवी, इस भयावह हादसे की चश्मदीद गवाह हैं। अस्पताल में भर्ती मुन्ना देवी ने अपने दर्दनाक अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे चंद पलों में श्रद्धा का सैलाब अफरातफरी में बदल गया।
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मुन्ना देवी ने बताया, “हम रात करीब 1:30 बजे संगम स्नान के लिए पहुंचे थे। वहां पहले से ही लाखों श्रद्धालु स्नान की प्रतीक्षा कर रहे थे। अचानक भीड़ एक तरफ से धक्का देने लगी। पहले तो लगा कि हलचल सामान्य है, लेकिन जब चीख-पुकार मची, तब समझ आया कि कुछ गड़बड़ हो गई है।”
अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर रहे थे। मैं भी धक्के के कारण नीचे गिर पड़ी। मेरे ऊपर कई लोग गिर गए, दम घुटने लगा। सांस लेना मुश्किल हो गया था। मैं बेहोश हो गई, बस इतना याद है कि किसी ने मेरा हाथ पकड़ा और खींचकर बाहर निकाला।”
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मुन्ना देवी ने प्रशासन और राहत कर्मियों का धन्यवाद करते हुए कहा, “भगवान की कृपा थी कि समय पर मदद मिल गई। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम आई और हमें अस्पताल पहुंचाया गया। मुझे चोटें आई हैं, लेकिन जान बच गई, यही सबसे बड़ी बात है।”
प्रशासन ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं पीड़ितों का इलाज जारी है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।