इस्लामाबाद। बलूचिस्तान प्रांत के कलात जिले में स्थित मंगोचर शहर में एक ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के फ्रंटियर कोर (एफसी) के कम से कम 18 सैनिकों की मौत हो गई।
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पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “31 जनवरी/1 फरवरी की रात को आतंकवादियों ने बलूचिस्तान के कलात जिले के मनोचर में सड़क ब्लॉक करने की कोशिश की।” बयान के मुताबिक, “सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल सक्रिय किया गया, जिन्होंने सफलतापूर्वक इस नापाक इरादे को नाकाम कर दिया और 12 आतंकवादियों को मार गिराया, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।” बयान में कहा गया कि अभियान के दौरान 18 सैनिक भी मारे गए।
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आईएसपीआर ने कहा कि सुरक्षाकर्मी वर्तमान में पूरे क्षेत्र को खाली करा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि ‘घृणित और कायरतापूर्ण कृत्य’ के ‘सहयोगियों और उकसाने वालों’ को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। यह ताजा घटना खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के विभिन्न हिस्सों में पांच अलग-अलग खुफिया-आधारित आतंकवाद विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों द्वारा 10 आतंकवादियों को मार गिराने के 24 घंटे से भी कम समय में हुई।
पाकिस्तान ने लगातार दावा किया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूचिस्तान के अलगाववादी समूहों, जिनमें बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) भी शामिल है, को अफगानिस्तान से लगातार समर्थन मिल रहा है। शहबाज शरीफ सरकार ने तालिबान शासन से अफगान धरती से संचालित पाकिस्तान विरोधी समूहों के खिलाफ कड़ी और तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है। इस्लामाबाद ने जोर देकर कहा कि बलूचिस्तान में आतंकवादी समूहों का लक्ष्य निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर क्षेत्र में शांति को बाधित करना है।
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आईएसपीआर के बयान में कहा गया, “पाकिस्तान के सुरक्षा बल बलूचिस्तान की शांति, स्थिरता और प्रगति को बाधित करने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और हमारे बहादुर सैनिकों के ऐसे बलिदान हमारे संकल्प को और मजबूत करते हैं। 2021 में काबुल में अफगान तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई, मुख्य रूप से बलूचिस्तान और केपी प्रांतों में।
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2024 पाकिस्तान के लिए सबसे घातक वर्षों में से एक रहा, जिसमें 444 आतंकी हमलों में कम से कम 685 सुरक्षाकर्मी मारे गए। सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (सीआरएसएस) के संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2024 में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त रूप से कम से कम 1,612 मौतें हुईं, जबकि 934 अपराधियों का सफाया किया गया। 2024 के दौरान संयुक्त हताहतों की संख्या पिछले एक दशक में सबसे अधिक रही है। केपी और बलूचिस्तान पिछले साल आतंकी हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां 1,166 आतंकी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में केपी में कम से कम 1,601 और बलूचिस्तान में 782 लोग हताहत हुए हैं।