कैराना(शामली): यमुना खादर के मण्डावर में स्थित रेत खनन प्वाइंट को तीन महीने के लिए बंद कर दिया गया है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी), नई दिल्ली के निर्देश पर की गई है। जिलाधिकारी शामली द्वारा दाखिल हल्फनामे और संयुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर, 27 जनवरी को एनजीटी की प्रधान पीठ ने खनन बंद करने के आदेश दिए थे।
शनिवार को एसडीएम कैराना स्वप्निल कुमार यादव और जिला खनन अधिकारी आशीष द्विवेदी यमुना खादर क्षेत्र के मण्डावर में पहुंचे और एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए खनन कार्य को तत्काल बंद करवा दिया। एसडीएम ने खान संचालक को चेतावनी दी कि यदि वह निर्देशों की अवहेलना करते हुए खनन करते हुए पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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एसडीएम ने बताया कि यह मामला काफी समय से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में विचाराधीन था, और सुनवाई के दौरान खनन प्वाइंट को 07 मई 2025 तक के लिए बंद कर दिया गया।
यह है मामला
यमुना खादर के मण्डावर में शासन स्तर से रेत खनन के लिए पांच वर्ष का पट्टा आवंटित किया गया था, लेकिन खान संचालक पर आरोप था कि वह आवंटित क्षेत्र से बाहर जाकर खनन कर रहा था और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा था। इस पर गांव मण्डावर के फारुख चौहान ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका दायर की थी।
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प्राधिकरण ने 13 मई 2024 को जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वह एक संयुक्त समिति गठित कर 06 अगस्त 2024 तक खनन संबंधी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करे। रिपोर्ट में यह पाया गया कि खनन क्षेत्र से बाहर खनन किया जा रहा था और पहले भी खनन कंपनी पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था।
**रिपोर्ट में बताया गया कि 28 फरवरी 2023 को जिला मजिस्ट्रेट ने खनन कंपनी पर 74 लाख, 94 हजार 950 रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन यह राशि अभी तक जमा नहीं की गई। खनन कंपनी की हठधर्मिता और नियमों का उल्लंघन करने पर 27 जनवरी को एनजीटी ने मण्डावर खनन प्वाइंट को बंद करने के आदेश दिए।
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