मुज़फ्फरनगर। शहर कोतवाली क्षेत्र के लद्दावाला निवासी अमजद सैफी पुत्र अब्दुल हमीद ने जिलाधिकारी उमेश चन्द्र मिश्रा को एक शिकायती पत्र देकर बताया कि उसकी पत्नी शगुफ्ता लीवर एबसेस से पीड़ित थी।
उसने अपनी पत्नी को डा० अम्मर हुसेन के गैलेक्सी अस्पताल घास मण्डी, थाना-सिविल लाइन्स में दिखाया, तो डॉ० अम्मार हुसैन के गलैक्सी अस्पताल में डॉ० अम्मार हुसैन व डा० शमीम आजम ने क्रहा कि हमारे अस्पताल में सभी सुविधाएं वेन्टीलेटर, आई०सी०यू० तथा सभी प्रकार के ऑपरेशन की सुविधा है तथा दूरबीन विधि से ओपरेशन की सुविधा है तथा ईलाज में एक लाख रूपये का खर्च आयेगा तथा गलैक्सी अस्पताल के बोर्ड पर भी विशेषज्ञ डॉक्टर्स के नाम लिखे है।
उसने विश्वास करके अपनी पत्नी शगुफ्ता को 30 दिसंबर 2023 को गलैक्सी अस्पताल में भर्ती करा दिया और डॉ० अम्मार हुसैन व डा० शमीम आजम ने 31 दिसंबर 2023 को ओपरेशन कर दिया। शाम को मालूम हुआ कि डाक्टर ने दूरबीन विधि के बजाय पेट का खुला ऑपरेशन किया है, ऑपरेशन से प्रार्थी की पत्नी की हालत खराब होती चली गयी, जब ज्यादा हालत खराब हुई तब 11 जनवरी 2024 को गलैक्शी अस्पताल से ले जाकर शामली के डॉ० खुर्शीद अनवर के यहाँ भर्ती किया तथा उन्होंने बताया कि लीवर एबसंस के मरीज का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है।
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गलत ऑपरेशन के कारण प्रार्थी की पत्नी के फेफड़ों में भी पानी आ गया। उसको बाद में मालूम हुआ कि डा० अम्मार हुसैन गलेक्सी अस्पताल के मालिक के पास न तो कोई डिग्री है न ही डिप्लोमा है तथा न ही डा० अम्मार हुसैन व डा० शमीम आजम को ओपरेशन करने की कोई अनुमति है। डॉ० अम्मार हुसैन ने यह जानते हुए कि उसके पास न तो कोई डिग्री है, फिर भी जानबूझकर पैसा हड़पने की नियत से ऑपरेशन कर दिया है तथा डा० अम्मार हुसैन व डा० शमीम आजम ने धोखा देकर उससे 2,05,000/- रूपये हड़प लिये है।
उसने नौ० याकूब पुत्र अब्दुल अजीज निवासी लद्दावाला उत्तरी, थाना कोतवाली नगर व मौ० मतीन पुत्र मुजीब सैफी निवासी लद्दावाला के सामने 2,05,000/- रूपये लिये है, डॉ० अम्मार हुसैन ने उत्तराखण्ड सरकार का अपना रजिस्ट्रेशन नं०-UK-0137 का प्रमाण पत्र लगाया है जबकि उक्त चिकित्सा प्रमाण पत्र दिनांक 05.02.2019 तक ही मान्य है तथा उसी के आधार पर मु०नगर मुख्यचिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में भी अपना रजिस्ट्रेशन धोखे से फर्जी रूप से तैयार करके लाया है प्रार्थी द्वारा आर०टी०आई० के माध्यम से सूचना प्राप्त की, जिससे स्पष्ट रूप से अंकित किया है कि डॉ० अम्मार हुसैन कोई अधिकार मेडिकल प्रैक्टिस करने का नहीं है।
मालूम करने पर पता चला है कि डॉ० अम्गार हुसैन ने इमलाख के साथ मिलकर फर्जी डिग्री बनायी है, क्योंकि इनलाख व अम्मार के खिलाफ देहरादून में भी फर्जी डिग्रीयां बनाने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज है, जिसकी विवेचना सी०बी०आई० द्वारा की गयी है तथा डॉ० अम्मार हुसैन के खिलाफ पहले मी थाना-सिविल लाईन पर मु०अ०स०-46/24 धारा-304, 420, 506 आई०पी०सी० में दर्ज है, उसमें भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा भी गलैक्सी अस्पताल के खिलाफ जांच के उपरान्त अपनी आख्या प्रस्तुत की थी।
डा० अम्मार बिना किसी डिग्री य अथोरिटी के गरीब व भोले भाले लोगों को धोखा देकर पैसा हडपता है तथा बिना किसी मेडिकल सर्टीफिकेट के अभी भी गलैक्सी अस्पताल चला रहा है तथा जब डा० अम्मार हुसैन व डा० शमीम आजम ने गलत रूप से प्रार्थी की पत्नी का ऑपरेशन करने तथा पैसे हड़पने के सम्बन्ध में बात की, तो उसने कहा कि तेरे जैसे हमारे पास बहुत आते है तथा पहले भी तेरे जैसों ने कई प्रार्थना पत्र दिये है तथा मुकदमा भी लिखाया – है, आज तक हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका, अगर ज्यादा कार्यवाही करेगा तो ऐसा ईलाज करूंगा जिन्दगी में पानी नहीं मांग पायेगा तथा तेरे खिलाफ भी केस बनाऊंगा। पीड़ित ने डीएम से प्रार्थना की है कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कराई जाए।