पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उम्मीद है कि पार्टी अपने चुनाव में किए वादों को पूरा करेगी और जुमलेबाजी तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की लड़ाई समाज के वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने की है। तेजस्वी ने दावा किया कि RJD हमेशा से गरीबों, पिछड़ों और दलितों की आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी। कहा, “हमारी राजनीति किसी खास वर्ग या जाति के लिए नहीं है, बल्कि हम समाज के उस तबके को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसे दशकों से हाशिए पर रखा गया है।”
उन्होंने BJP और NDA सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों, युवाओं और बेरोजगारों की अनदेखी कर रही है। तेजस्वी ने कहा, “जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति को उसका हक नहीं मिलेगा, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
दरअसल, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार को यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। उनसे जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत से संबंधित प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि जनता ही मालिक है और वही फैसला करती है। जनता जिसे चाहती है, उसे सत्ता में लाती है। लोकतंत्र में जनता मालिक है। 27 साल बाद भाजपा वहां सरकार बना रही है।
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उम्मीद है कि पार्टी अपने वादों को पूरा करेगी और जुमलेबाजी तक सीमित नहीं रहेगी।” एनडीए नेताओं के ‘दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है’ के बयान से संबंधित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बिहार है और यहां बहुत कुछ समझाना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से उन्होंने 48 सीटें जीती हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का खाता नहीं खुला है।
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इससे पहले भाजपा ने 1993 में 49 सीट जीतकर दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, जिसके बाद मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। 1998 के बाद, कांग्रेस ने 15 साल तक शासन किया और 2013 से आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी। इस चुनाव में भाजपा ने 71 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें जोड़ी हैं। पार्टी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ, और उनका स्ट्राइक रेट 31 फीसदी रहा।