Friday, April 18, 2025

मेरठ में एसबीआई एटीएम में कैश डालने वाले ने ही कर ली 68 लाख की चोरी, तरीका जान पुलिस रह गई दंग

मेरठ। सब एरिया कैंटीन के पास एटीएम से 68 लाख रुपये की चोरी के मामले में पुलिस ने दो आरोपी शुभांशु शर्मा निवासी आनंद विहार रेलवे शिव मंदिर कोतवाली हापुड़ और उसके दोस्त कपिल कुमार निवासी बहजादपुर फलावदा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 14 लाख एक हजार 800 रुपये बरामद किए हैं। दो चाबी और बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा कराए गए 35 लाख रुपये सीज किए हैं।

 

मुज़फ्फरनगर में जंगलों में चोरों का आतंक, चार ट्यूबवैल को बनाया निशाना, चुराया कीमती सामान

 

पुलिस लाइन में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने वारदात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को सदर बाजार पुलिस को सूचना मिली थी कि सब एरिया कैंटीन के पास सैन्यकर्मियों के लिए संचालित एसबीआई के एटीएम में लाखों रुपये की चोरी हो गई है। बैंक की टीम ऑडिट के लिए पहुंची तो वारदात की जानकारी हुई।

 

मुज़फ्फरनगर में होटल रेडियन्स गोल्ड के बाहर से कार में चोरी, पुलिस ने 5 लाख का माल किया बरामद

 

एसपी सिटी ने बताया कि सिक्योर वैल्यू कंपनी के कर्मचारी शुभांशु शर्मा जरूरत के अनुसार जब चाहे किसी भी एटीएम से नकदी निकाल लेता था। जैसे ही उस एटीएम के ऑडिट की जानकारी मिलती थी। वह अपने दूसरे एटीएम से रकम निकालकर उस एटीएम की रकम पूरी कर देता था। 27 फरवरी को ऑडिट टीम को ब्रह्मपुरी क्षेत्र का एटीएम खाली मिला था। इसके बाद गोपनीय स्तर से जांच शुरु की गई। शुरुआती छानबीन में करीब 68 लाख रुपये की सेंधमारी की बात सामने आ रही है। जल्द ही बैंक अफसर वास्तविक रकम की रिपोर्ट देंगे। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई पुलिस चार्जशीट में बढ़ाएगी।

यह भी पढ़ें :  सहारनपुर में पुलिस पर हमले का मामला, एक दोषी करार, दो बरी

 

भाकियू (अराजनैतिक) में उथल-पुथल, ब्लॉक अध्यक्ष पर अवैध उगाही के आरोप, दर्जनों कार्यकर्ताओं ने दिया त्यागपत्र

 

पूछताछ में आरोपी शुभांशु ने बताया कि वह पिछले पांच साल से सिक्योर वैल्यू कंपनी में काम कर रहा है। इस कंपनी के माध्यम से एसबीआई के एटीएम में कैश डाला जा रहा था। वह कंपनी में कस्टोडियन के पद पर काम कर रहा है। पासवर्ड से लॉक खोलकर वह वारदात करता था। शुरुआत में उसने जरूरत के हिसाब से कम रुपये निकालने शुरू किए, बाद में उसका लालच बढ़ गया। सभी एटीएम में उसके द्वारा ही कैश डाला जाता था। जब बैंक एटीएम का ऑडिट कंपनी के ऑडिटर द्वारा किया जाता तो वह दूसरे एटीएम से रुपये निकालकर उस एटीएम में पूर्ति कर दिया करता था।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय