Wednesday, April 16, 2025

ईरान में मारे गए आठ पाकिस्तानी नागरिकों के परिजनों को शवों की वापसी का इंतजार

इस्लामाबाद। ईरान के मेहरिस्तान में आठ पाकिस्तानी नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद इस्लामाबाद ने राजनयिक स्तर से जांच शुरू कर दी है। इस बीच पंजाब के बहावलपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले मृतकों के परिजनों ने सरकार से अपील की है कि उनके प्रियजनों के शवों को तुरंत वापस लाया जाए, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। यह घटना ईरान के मेहरिस्तान इलाके में हुई, जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से लगभग 230 किलोमीटर दूर स्थित है। मृतकों के हाथ-पैर बंधे हुए मिले, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। बलोच अलगाववादी संगठन बलोच नेशनलिस्ट आर्मी (बीएनए) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

संगठन का कहना है कि पीड़ितों को पंजाब प्रांत से होने के कारण निशाना बनाया गया। सभी मृतक एक ही परिवार से थे और एक वर्कशॉप में कार मैकेनिक का काम करते थे। परिजनों का कहना है कि वे गहरे सदमे में हैं और जल्द से जल्द शवों की वापसी चाहते हैं। परिजनों ने कहा, “हम चाहते हैं कि उनके शव तुरंत वापस लाए जाएं, ताकि हम उन्हें दफना सकें और उनके दुखद निधन का मातम मना सकें।” मिली जानकारी के अनुसार, सभी आठों लोग लगभग सात साल पहले अवैध रूप से ईरान गए थे। एक रिश्तेदार ने बताया, “नदीम की शादी कुछ ही दिनों में होनी थी। हम चाहते हैं कि हमारी सरकार ईरानी अधिकारियों से संपर्क करे और शवों को तत्काल वापस लाए।” पाकिस्तान सरकार ने ईरानी अधिकारियों से इस हत्याकांड की पूरी जांच कर दोषियों को सजा दिलवाने और शवों की तत्काल वापसी के लिए पूर्ण सहयोग की मांग की है। विदेश कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “उपप्रधानमंत्री/विदेश मंत्री के निर्देश पर, तेहरान में हमारा दूतावास और ज़ाहिदान में हमारा कांसुलेट ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं, ताकि पूरी जांच हो और पीड़ितों के शवों की शीघ्र वापसी सुनिश्चित की जा सके।

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“प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस निर्मम हत्या पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस्लामाबाद स्थित ईरानी दूतावास ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे “अमानवीय और कायरतापूर्ण” बताया और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया। ईरानी दूतावास ने अपने बयान में कहा, “इस खतरनाक प्रवृत्ति से निपटने के लिए सभी देशों द्वारा सामूहिक और संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है, क्योंकि आतंकवाद और उग्रवाद ने पूरे क्षेत्र में हजारों लोगों की जान ली है।”

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