Wednesday, April 30, 2025

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘संसद ही सर्वोच्च’, निर्वाचित प्रतिनिधि संविधान के ‘अंतिम स्वामी’

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संसद सर्वोच्च है और निर्वाचित प्रतिनिधि संविधान के ‘अंतिम स्वामी’ हैं। उनसे ऊपर कोई प्राधिकारी नहीं हो सकता। उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1977 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लागू करने वाली प्रधानमंत्री को जनता ने जवाबदेह बनाया था। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है।

 

[irp cats=”24”]

 

संविधान में संसद से ऊपर किसी भी प्राधिकरण की परिकल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है और यह उतनी ही सर्वोच्च है जितना देश का हर एक नागरिक है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

 

 

जगदीप धनखड़ ने कहा, “मेरे हिसाब से नागरिक सर्वोच्च है क्योंकि एक राष्ट्र और लोकतंत्र नागरिकों द्वारा ही बनाया जाता है। उनमें से हर एक की अपनी भूमिका है! लोकतंत्र की आत्मा हर नागरिक में बसती है और धड़कती है। लोकतंत्र तभी खिलेगा, उसके मूल्य तब बढ़ेंगे जब नागरिक सजग होंगे, नागरिक योगदान देंगे और नागरिक जो योगदान देते हैं, उसका कोई विकल्प नहीं है।”

 

 

इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने कहा कि किस तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए इमरजेंसी के दौरान मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था। किस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने देश के नौ हाईकोर्ट के फैसलों को खारिज करते हुए मौलिक अधिकारों के निलंबन के पक्ष में फैसला सुनाया था।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय