मेरठ। पहलगाम आतंकी हमले पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने तीव्र निंदा की है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने लश्कर को इंसानियत का दुश्मन बताते हुए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला अध्यक्ष एडवोकेट शाहीन परवेज ने कहा कि अब वक्त है पाकिस्तान-मुक्त विश्व का।” मंगलवार को बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हुए इस हमले ने वैश्विक चेतना को झकझोर दिया है।
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लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ द्वारा अंजाम दिए गए इस नरसंहार में 28 निर्दोष लोगों की जान गई है। जिनमें इटली और इज़राइल के नागरिक भी शामिल हैं। घटना के चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने पहले नाम पूछा, फिर सिर में गोली मारी—यह केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरे सभ्य विश्व पर हमला है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इसे “मानवता के खिलाफ सुनियोजित युद्ध” बताया।
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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक आपात बैठक के बाद उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान में पल रहे आतंकी अड्डों को खत्म करने के लिए निर्णायक कार्य और एकजुट कदम उठाए। ‘डिफेंसिव डिप्लोमेसी’ अब नहीं चलेगी, भारत को ‘डिसीजन मेकिंग डिप्लोमेसी’ अपनानी होगी।”
पूर्ववर्ती सरकारों की भूमिका पर भी सवाल
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मंच ने जम्मू-कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकारों, विशेषकर अब्दुल्ला परिवार की भूमिका पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “राजनीति में आतंकियों के लिए जो ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ रखा गया, उसी ने बंदूकधारियों को ताकत दी। सुरक्षा, गाड़ियां और सरकारी ठेके – ये सब उन्हें मिले। यह कश्मीरियत नहीं, खूनी तंजीमों को न्यौता था।”
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में कश्मीर पर्यटन की नई उड़ान ने घाटी में खुशहाली और भाईचारे की बयार बहाई थी-जिससे आतंकियों को परेशानी हुई। “वे नहीं चाहते कि कश्मीर ज़िंदगी और समृद्धि से जुड़े, उन्हें सिर्फ खून और खौफ चाहिए,” मंच ने बयान में कहा।
“पाकिस्तान-मुक्त विश्व” कोई नारा नहीं, नीति बने
उन्होंने स्पष्ट किया कि “पाकिस्तान-मुक्त विश्व” एक युद्धोन्मादी नारा नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा की आवश्यकता है। जब तक पाकिस्तान आतंक को पालता रहेगा, तब तक मासूमों का खून बहता रहेगा। संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक संस्थाओं से मंच ने आग्रह किया कि आतंक के प्रति दोहरे मापदंड खत्म किए जाएं।