श्रीनगर- सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकवादी हमले में शामिल तीन संदिग्ध आतंकवादियों के स्केच बुधवार को जारी किये और राज्य पुलिस ने हमले में शामिल आतंकवादियों को मार गिराने में मदद करने वाली सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।
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पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में मंगलवार को हुए इस जघन्य हमले में 27 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी सहित 28 लोगों की मौत हो गयी। पुलिस ने कहा, “इस कायरतापूर्ण हमले में शामिल आतंकवादियों को मार गिराने में मदद करने वाली कोई भी सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।” पुलिस ने जानकारी देने के लिए फोन नंबर भी साझा किये।
इस बीच, जांच से जुड़े शीर्ष अधिकारियों ने खुलासा किया कि हमलावरों में से कम से कम एक स्थानीय हो सकता है। शुरुआती जांच से पता चला है कि इस घातक हमले में तीन से चार आतंकवादी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद जीवित बचे लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर स्केच तैयार किये गये हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि सेना की वर्दी पहने हमलावरों ने हमला करने से पहले इलाके की टोह लेने में स्थानीय लोगों की मदद ली होगी।
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सूत्रों ने बताया कि हमलावर किश्तवाड़ से सीमा पार कर किसी स्थानीय आतंकवादी या हैंडलर की मदद से कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे। पुलिस ने इलाके के कई स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल से बरामद कारतूसों से पता चलता है कि आतंकवादी असॉल्ट राइफलों और कम से कम एक अमेरिका निर्मित एम4 कार्बाइन से लैस थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस फिलहाल जांच का नेतृत्व कर रही है, जिसने पहलगाम थाने में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली है। अधिकारियों ने बताया कि मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है। एनआईए की एक टीम ने बुधवार को अनंतनाग जिले में हमले की जगह का दौरा किया और स्थिति का आकलन किया तथा प्रारंभिक साक्ष्य भी एकत्र किये।
इस बीच, बैसरन घास के मैदान के पास घने जंगलों में बुधवार को भी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी रहा। सेना, पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पैरा कमांडो की संयुक्त टीमें हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश कर रही हैं।
घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की संख्या पांच से सात के बीच हो सकती है, जिन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षित कम से कम दो स्थानीय आतंकवादियों से मदद मिली थी. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि हमले में बिजबेहरा निवासी आदिल थोकर उर्फ आदिल गुरी की भूमिका सामने आई है, जिसकी पहचान इसमें मारे गए एक पर्यटक की पत्नी ने की. अधिकारियों का मानना है कि आदिल 2018 में पाकिस्तान चला गया था, जहां उसने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से हथियारों का प्रशिक्षण हासिल किया और फिर हमलों को अंजाम देने के लिए भारत लौट आया.
अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि मंगलवार को बैसरन में चार आतंकवादियों ने पर्यटकों को कतारों में खड़ा कर उन पर नजदीक से गोलियां चलाईं, जबकि कम से कम एक से तीन आतंकवादियों को रणनीतिक रूप से यह देखने के लिए तैनात किया गया था कि सुरक्षाबल तो नहीं आ रहे.
अधिकारियों ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि आतंकवादियों ने अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरा पहन रखे थे.
उन्होंने बताया कि चश्मदीदों को कम से कम छह से सात तस्वीरें दिखाई गईं, जिनमें से एक में मौजूद आदिल की पहचान उस आतंकवादी के रूप में की गई, जो गोली चला रहा था. अधिकारियों के अनुसार, हमले के बाद आतंकवादी पीर पंजाल क्षेत्र के देवदार के घने जंगलों की ओर भाग गए.
उन्होंने बताया कि हमले के सिलसिले में कई लोगों से पूछताछ की गई है और आतंकवादियों को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने तीन लोगों के स्केच भी जारी किए हैं, जिनके इस आतंकवादी हमले में शामिल होने का संदेह है. उन्होंने बताया कि ये तीनों लोग पाकिस्तानी हैं और इनका नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तलहा है. अधिकारियों के अनुसार, इन तीनों का कोड नाम मूसा, यूनुस और आसिफ था तथा ये पुंछ में कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल थे.