मोरना। प्राचीन तीर्थनगरी शुकतीर्थ में जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण शुक्रवार की सुबह हुई बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। मुख्य मार्ग जलमग्न हो गये, जहां से श्रद्धालुओं का निकलना बंद हो गया। घंटों तक तीर्थनगरी के मार्ग अवरूद्ध रहे तथा जलभराव के दौरान कई वृद्ध साधु गिरकर घायल हो गये।
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शुक्रवार की सुबह हुई थोडी सी बारिश से ही नगरी के मुख्य मार्ग जलमग्न हो गये, जिससे आने जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। बार बार शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान न होने पर नगरवासियों ने मुख्यमंत्री से तीर्थनगरी में जलभराव की समस्या के समाधान की मांग की है।
ऐतिहासिक महाभारतकालीन पैराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल है। शुकतीर्थ में देश के कोने कोने से
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श्रद्धालु विभिन्न आश्रमों व मंदिरों में भागवत कथा कराने के लिए आते हैं। हाल ही में शुकतीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है किन्तु शुकतीर्थ में जलभराव की समस्या पिछले काफी समय से बनी हुई है। शुकतीर्थ प्रत्येक मार्ग पर जलभराव से नगरी की सुन्दरता प्रभावित हो रही है। करोडों रूपये खर्च करने के बावजूद जलभराव और गंदगी की समस्या जस की तस बनी हुई है। शुक्रवार की सुबह हुई थोडी सी बारिश ने सरकार की सफाई व्यवस्था और जलनिकासी की पोल
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खोल कर रख दी है। साधु-संतों के अनुसार तीर्थनगरी में जलभराव की समस्या के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। मुख्य मार्गों के केवल एक ओर नाला बनाया गया है, जो सिर्फ दिखावे के लिए ही है। बडी लागत लगाकर बनाए गये नाले से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। गंदा पानी सडकों पर फैल रहा है, जिससे सडकें टूट रही है। साथ ही नाले का पानी किस ओर जाए, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बारिश से नगरी की सभी कॉलोनियों में जलभराव की
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स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके कारण नगरीवासियों व श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगा घाट तक जाने वाला मुख्य मार्ग बारिश के बाद जलमग्न हो गया तथा वहां से आने जाने वाले श्रद्धालुओं को गंदे पानी से होकर गुजरना पड रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जहां प्रशासन एक ओर शुकतीर्थ को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की जोर-शोर से तैयारियां कर रहा है। मगर बुनियादी तौर पर स्थिति बद से बदतर है। जलभराव की समस्या से
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तीर्थवासी त्रस्त हैं। प्रसिद्ध तिलकधारी आश्रम के सामने, गायत्री धाम, शिव धाम कॉलोनी, दुर्गा धाम कॉलोनी, समनदास आश्रम की ओर जाने वाले मार्गों पर गंदा पानी बह रहा है। जलभराव के कारण नागरिकों का वहां से गुजरना दूभर हो रहा है। इसके अलावा हनुमत धाम मार्ग पर जलभराव की समस्या से नागरिक हलकान है। जलभराव के कारण तीर्थनगरी की छवि को नुकसान हो रहा है। शुकतीर्थ में काफी लंबे समय से इस जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जलभराव की समस्या का जल्द से जल्द निवारण
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करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि एक बारिश ने ही साबित कर दिया है कि प्रशासन बारिश के पानी की जल निकासी के लिए गंभीर नहीं है। बार-बार उच्च अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है। गंदे पानी में बदबू एवं मच्छर पनप रहे हैं, जिससे नगरीवासियों में बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। नालियों का यह हाल है कि वह तालाबों में तब्दील हो चुकी हैं। रास्ते से निकलने पर आने-जाने वालों को और बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नालियों के बीच गंदे पानी से होकर यहां के लोगों को गुजरना पड़ता है।