Wednesday, May 21, 2025

‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ को आतंकवादी सूची में डालने की कोशिशें तेज, यूएन के शीर्ष अधिकारियों से मिला भारतीय प्रतिनिधिमंडल

संयुक्त राष्ट्र। भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (यूएनओसीटी) और आतंकवाद निरोधक समिति के कार्यकारी निदेशालय के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात में पहलगाम में द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा किए गए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद से लड़ने में सहयोग पर व्यापक चर्चा हुई।

खुब्बापुर थप्पड़कांड के पीड़ित बच्चे को शारदेन स्कूल कर रहा परेशान, यूपी सरकार करेगी खर्च वहन

 

यूएन के आतंकवाद-रोधी कार्यालय (यूएनओसीटी) के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव और काउंटर-टेररिज्म कमेटी कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) की सहायक महासचिव नतालिया घेरमन ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सुरक्षा परिषद के आतंकवाद-रोधी प्रस्तावों और यूएन की वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति को लागू करने को लेकर पूर्ण सपोर्ट की बात कही। वोरोनकोव और घेरमन ने पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के लिए शोक व्यक्त किया।

 

मुज़फ्फरनगर में बच्चों से कराई जाती है स्कूल की सफाई, शिक्षिका व अभिभावक में हुई हाथापाई

संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें खुफिया अधिकारी शामिल हैं- ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत का प्रस्तुत किया। टीआरएफ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सहयोगी है, जिसे यूएन ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित किया है।

 

मुजफ्फरनगर के उद्योगपति विशु तायल फिर विवाद में, छुट्टी मांगने पर ड्राइवर को दी थप्पड़ों की सजा, वीडियो वायरल

सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की निगरानी टीम से भी मुलाकात की, जो आतंकी समूहों और उनसे जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाती है। सूत्रों ने बताया कि टीम समिति को पहलगाम हमले और उसकी अन्य गतिविधियों को अंजाम देने वाले टीआरएफ के सबूत पेश कर रही है। 1267 समिति का नाम सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के आधार पर है, जो इस्लामिक स्टेट (दाएश), अल-कायदा और उनसे जुड़े समूहों व लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है। प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के राजनयिकों से भी मुलाकात की, ताकि टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए समर्थन मांगा जाए।

 

 

यूएनओसीटी के बयान के अनुसार, भारत और यूएन की आतंकवाद-रोधी एजेंसियों के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में भारत द्वारा समर्थित तकनीकी क्षमता निर्माण पहल जैसे साइबर सुरक्षा, आतंकी यात्रा को रोकना, आतंकवाद के पीड़ितों का समर्थन, और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना शामिल है। बयान में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल और यूएन अधिकारियों ने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती तकनीकों के उपयोग को रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की। ये लक्ष्य 2022 के दिल्ली घोषणापत्र में निर्धारित किए गए थे, जब भारत की अध्यक्षता में यूएन सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति ने दिल्ली में बैठक की थी और उभरती तकनीकों के माध्यम से आतंकी खतरों पर विशेष ध्यान दिया था।

 

 

 

 

घोषणापत्र ने ड्रोन जैसे मानवरहित विमान सिस्टम और आतंकी गतिविधियों के लिए उभरती वित्तीय तकनीकों से होने वाले खतरों पर सीटीईडी के समर्थन से मार्गदर्शक सिद्धांत विकसित करने की मांग की थी। एलईटी को 2005 में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित किया गया और उस पर प्रतिबंध लगाए गए। प्रतिबंध सूची में एलईटी के 27 नाम शामिल हैं, जिनमें पासबा-ए-कश्मीर और जमात-उद-दावा के नाम हैं। एलईटी से जुड़े लगभग 12 व्यक्तियों, जिसमें इसका नेता हाफिज मोहम्मद सईद भी शामिल है और तीन संगठनों, जैसे जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों में उनकी संपत्ति जब्त करना और यात्रा पर रोक शामिल है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

87,026FansLike
5,553FollowersFollow
153,919SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय