मुजफ्फरनगर। कोतवाली क्षेत्र के छिम्पीवाड़ा, मोती महल में 14 फरवरी 2018 को हुई दहेज हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।
न्यायाधीश नेहा गर्ग की अदालत ने आरोपी पति अंकुर जैन को दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास और ₹35,000 का जुर्माना देने की सज़ा सुनाई है।
यह मामला महिला सारिका की हत्या से जुड़ा है, जिनकी शादी 14 नवंबर 2014 को अंकुर जैन से हुई थी। अभियोजन के अनुसार, शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग की जा रही थी। जब मांग पूरी नहीं हुई, तो 14 फरवरी 2018 को महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गई। घटना को छुपाने की कोशिश की गई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह साफ हो गया कि यह हत्या दहेज की वजह से की गई थी।
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इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की गई, जहां शासकीय अधिवक्ता अरुण जावला ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभावशाली पैरवी की। अदालत ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया।
यह फैसला ऐसे मामलों में न्याय की उम्मीद लगाए बैठी महिलाओं और उनके परिवारों के लिए एक मिसाल बन सकता है। यह संदेश भी देता है कि दहेज जैसी सामाजिक कुरीति के विरुद्ध कानून सख्त रवैया अपनाता है।