मुज़फ्फरनगर। बघरा क्षेत्र के गांव काजीखेड़ा स्थित एक स्कूल में छात्र की शिखा काटने और तिलक हटवाने की घटना ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। सोमवार को शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित छात्र देवांश व उसके परिजनों से मुलाकात कर घटना की निंदा की और इसे धार्मिक उन्माद फैलाने वाला कृत्य बताया।
शिवसेना के मंडल प्रमुख शरद कपूर के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने घटना को छात्र की धार्मिक आस्था पर सीधा हमला बताया। पीड़ित परिवार ने बताया कि 16 मई को उच्च प्राथमिक विद्यालय काजी खेड़ा में पढ़ने वाले देवांश को प्रधानाचार्य फरहाना खातून ने तिलक हटाने को मजबूर किया और फिर उसकी शिखा भी काट दी। परिजनों के अनुसार, प्रधानाचार्य ने कथित रूप से कहा, “यह स्कूल है, यहां इस तरह बहरूप बनकर नहीं आना चाहिए।”
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घटना के सामने आने के बाद शिवसेना पदाधिकारियों ने मौके से ही बीएसए, डिप्टी बीएसए और थाना प्रभारी से संपर्क किया और इस कृत्य को धार्मिक असहिष्णुता से प्रेरित बताया। मंडल प्रमुख शरद कपूर ने कहा कि इस प्रकार की मानसिकता समाज में कट्टरता फैलाती है और यह केवल देवांश की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की आस्था पर चोट है जो भारत के संविधान में वर्णित धार्मिक स्वतंत्रता पर विश्वास रखता है।
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शिवसेना प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मामले को दबाने का प्रयास किया गया या पीड़ित परिवार पर किसी प्रकार का दबाव बनाया गया, तो शिवसेना प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।
शिवसेना पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय राजनीतिक दबाव के चलते मामले को शांत करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी रात में पीड़ित परिवार से संपर्क कर बयान बदलवाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे परिवार तनाव में है।
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शरद कपूर ने बताया कि इस विषय में जिलाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा और न्याय की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह केवल एक छात्र का मामला नहीं है, बल्कि हमारे समाज की धार्मिक सहिष्णुता की परीक्षा है। यदि अभी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे कृत्य भविष्य में सामाजिक विघटन का कारण बन सकते हैं।”
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प्रतिनिधिमंडल में जिला प्रमुख अमित गुप्ता, संजीव वर्मा, उज्ज्वल पंडित, आशीष मिश्रा, युवा जिला अध्यक्ष हेमंत शर्मा, शैलेंद्र विश्वकर्मा, रूप राम कश्यप, अभिषेक शर्मा सहित कई अन्य शिवसेना पदाधिकारी शामिल रहे।