मुंबई – महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के मुंबई और प्रदेश के अन्य हिस्सों के दौरे के लिए प्रोटोकॉल दिशा-निर्देश जारी किए।
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सीजेआई बीआर गवई ने दो दिन पहले उच्चतम न्यायालय के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद प्रदेश के अपने पहले दौरे के दौरान मुख्य सचिव सहित महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की थी।
सीजेआई को अब आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में स्थायी राज्य अतिथि के रूप में नामित किया गया है। इसके अनुसार मुख्य न्यायाधीश राज्य अतिथि नियम, 2004 के अनुसार सभी प्रोटोकॉल-संबंधी सुविधाओं के हकदार बने रहेंगे, जिसमें यात्रा के दौरान पूरे राज्य में आवास, वाहन व्यवस्था और सुरक्षा शामिल है।
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महाराष्ट्र राज्य अतिथि नियम 2004 के अनुसार घोषित राज्य अतिथि की सूची में शामिल गणमान्य व्यक्तियों या जिन्हें ऐसा माना जाता है को राज्य प्रोटोकॉल उपखंड द्वारा हवाई अड्डों पर स्वागत और विदाई की व्यवस्था की जाती है।
जिला स्तर पर जिला कलेक्टर कार्यालय नामित प्रोटोकॉल अधिकारियों के माध्यम से इसी तरह की व्यवस्था सुनिश्चित करता है। मुख्य न्यायाधीश के मुंबई दौरे के दौरान, मुख्य सचिव या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक या वरिष्ठ प्रतिनिधि और अन्य जिलों के दौरे के लिए संबंधित जिला कलेक्टर और आयुक्त/पुलिस अधीक्षक या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधियों को गणमान्य व्यक्ति का स्वागत करने का निर्देश दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को सीजेआई मुंबई आए थे तो महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या शहर के पुलिस आयुक्त उनके स्वागत के लिए मौजूद नहीं थे जबकि शीर्ष पद संभालने के बाद यह उनका पहला गृह राज्य दौरा
था। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने शीर्ष पद ग्रहण के बाद अपने गृह राज्य महाराष्ट्र की पहली यात्रा पर वहां के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की अनुपस्थिति से संबंधित एक ‘महत्वहीन मुद्दे’ पर सभी लोगों से शांति बनाए रखने को कहा।
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एक प्रेस नोट में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश चाहते हैं कि इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति गवई सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाले पहले बौद्ध और दूसरे दलित हैं। महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा रविवार, 18 मई को आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने प्रोटोकॉल की कमी का हवाला देते हुए कहा था: ‘मैं आमतौर पर प्रोटोकॉल में विश्वास नहीं करता। हालांकि, संविधान के प्रत्येक अंग को संविधान के दूसरे अंग को सम्मान देना चाहिए, जब मुख्य न्यायाधीश और इस राज्य का बेटा पहली बार
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महाराष्ट्र आता है। ऐसे में अगर राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त आदि इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो यह उनके विवेक पर छोड़ देना सबसे अच्छा है।’
न्यायमूर्ति गवई ने 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 14 मई को शपथ ली। वह 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने 19 मई को महायुति-एनडीए सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से स्पष्टीकरण मांगा। शीर्ष अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘मुख्य न्यायाधीश की महाराष्ट्र यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल मुद्दों के बारे में मीडिया में खबरें प्रकाशित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित लोगों ने पहले ही खेद व्यक्त कर दिया है।