लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 10 स्मार्ट शहरों में अगले कुछ महीनों में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं चालू हो जाएंगी। परियोजनाओं को जून तक पूरा करना है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित 10,124 करोड़ रुपये की 542 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से 343 चालू हो चुकी हैं और 4,757 करोड़ रुपये की राशि समाप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रतिनियुक्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने विभाग को शेष 199 परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ, आगरा, बरेली, वाराणसी, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर, अलीगढ़, कानपुर और झांसी में फैले इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) भी कुछ महीनों के भीतर चालू हो जाएंगे।
यह पाया गया कि आगरा और वाराणसी सबसे अधिक परियोजनाओं पूरी हुई हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ये दोनों शहर सबसे स्वच्छ भी हैं।
स्मार्ट सिटी का उद्देश्य पानी, बिजली की आपूर्ति में सुधार करना, सीवरेज सिस्टम को मजबूत करना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, पार्किंग सुविधाएं, स्ट्रीटलाइट्स, डिजिटलीकरण आदि को बढ़ाना है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 28 करोड़ रुपये के बजट के साथ क्लाउड-आधारित स्मार्ट सिटी डिजिटल निगरानी प्रणाली भी शुरू की है, इसके माध्यम से 10 शहरों में प्रगति की निगरानी की जाएगी।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कवर किए गए 10 शहरों के अलावा, राज्य सरकार ने अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ और शाहजहांपुर सहित सात और शहरों में आईटीएमएस स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।