गाजियाबाद। थाना वेव सिटी क्षेत्र के लाल कूंआ मंगल कालोनी में मकान की रेलिंग में बिजली का करंट लगने से रंजू (32) एवं भोली (16 माह) की दर्दनाक मौत हो गई है। घर की छत पर बेटी भोली खेलते हुए घर की रेलिंग पर चली गयी जहां रेलिंग में पहले से ही बिजली का करंट आया हुआ था। बच्ची को करंट की चपेट में आया देख रंजू ने जैसे ही बेटी को बचाने की कोशिश की खुद भी करंट की चपेट में आ गई। पड़ोस के लोगों ने आनन-फानन में पास के निजी अस्पताल में दोनो को भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसीपी रवि शंकर सिंह ने बताया, यह हादसा बुधवार सुबह करीब 11 बजे वेव सिटी थाना क्षेत्र के शंकर विहार स्थित मंगल कॉलोनी में हुआ। यहां रहने वाली 32 वर्षीय रंजू अपनी एक साल की बेटी के साथ घर की छत पर खड़ी थी। रंजू के हाथ में एक सरिया था, जो उसने गली की तरफ झुका रखा था। वहां से हाईटेंशन लाइन का तार निकल रहा था। ये सरिया उस तार से टच हो गया।
इससे रंजू करंट की चपेट में आ गई। रंजू जिस लोहे की ग्रिल के सहारे खड़ी थी, उसमें भी करंट दौड़ गया। इस ग्रिल को रंजू की मासूम बेटी पकड़ी हुई थी, वो भी करंट की चपेट में आ गई। दोनों की मौके पर मौत हो गई। आसपास के लोग तुरंत छत पर पहुंचे। वहां से उन्हें निजी अस्पताल में ले गए, जहां पर दोनों को मृत घोषित कर दिया। एसीपी ने बताया कि इस मामले में आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
रंजू के पति रामसरोज मूल रूप से मऊ जिले में घोसी थाना क्षेत्र के गांव अकोहली मुबारकपुर गांव के रहने वाले हैं। वे गाजियाबाद में लालकुआं के समीप शंकर विहार में रिंकू यादव के मकान में किराए पर रहते हैं और मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। पता चला है कि आज सुबह 11 बजे रंजू कपड़े सुखाने के लिए छत पर गई थीं। उन्होंने कुछ कपड़े लोहे की ग्रिल पर सुखा दिए। इसी ग्रिल को पकड़कर उनकी एक वर्षीय बेटी खड़ी हुई थी। वहीं पर एक सरिया भी रखा हुआ था। बताया जा रहा है कि रंजू ने इस सरिये को दूसरी जगह रखने का प्रयास किया, उसी वक्त वो हाईटेंशन लाइन से छू गया। जिससे सरिया और ग्रिल में करंट उतरा और मां-बेटी की मौत हो गई।
पॉवर कॉरपोरेशन ने इस तरह के हादसे रोकने के लिए घरों के बाहर जहां से लाइन गुजर रही है, उस लाइन के ऊपर प्लास्टिक के पाइप चढ़ाए हुए हैं। ताकि अगर कोई छू जाए तो उसे करंट न लगे। लेकिन रंजू के मकान के सामने ये पाइप जगह-जगह से टूटा हुआ था और हाईटेंशन लाइन का तार साफ तौर पर दिखाई दे रहा था। ऐसा भी हो सकता है कि प्लास्टिक पाइप ज्यादा पुराना होने की वजह से खुद ही गलकर टूट गया हो। बहरहाल, यहां पॉवर कॉरपोरेशन की लापरवाही भी साफ तौर पर दिखाई पड़ती है।