Friday, November 8, 2024

यूपी में आपदा प्रबंधन के नए भवन का हुआ शिलान्यास, सभी 75 जिलों में तैनात होंगे आपदा मित्र, योगी ने की घोषणा

लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के नये भवन का शिलान्यास किया और कहा कि सरकार के प्रयास से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल हुयी है।


श्री योगी ने कहा कि यूपी देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। स्वाभाविक रूप से बड़े क्षेत्रफल का राज्य होने के चलते चुनौती भी बड़ी है। प्रदेश में कभी 40 जिले बाढ़ प्रभावित माने जाते थे, आज हमने इस खतरे को 4-5 जिलों में समेटने का काम किया है। आज अगर कहीं आपदा आती है तो लोगों को ये विश्वास रहता है कि सरकार की ओर से राहत भी आ रही होगी। उन्होने प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आपदा मित्रों की बात कहते हुए अच्छा कार्य करने वालों को व्यवस्था के साथ जोड़ते हुए उचित मानदेय देने के लिए भी राजस्व विभाग को कहा।


करीब 66.40 करोड़ की लागत से डेढ़ एकड़ में बनने जा रहे पांच मंजिला भव्य इमारत के शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री ने तकनीकी के माध्यम से प्रदेश में आपदा प्रबंधन और जनजागरूकता को आगे बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ना प्रकार के क्लाइमेटिक जोन हैं। यहां आपदा की आशंका हमेशा बनी रहती है। यूपी की सीमा नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड से मिलती है। यहां हिमालय से आने वाली नदियों के कारण बाढ़ का खतरा जुलाई से अक्टूबर तक बना रहता है। विंध्य और बुंदेलखंड में आकाशीय बिजली का खतरा है तो पश्चिमी यूपी भूकंप के अति संवेदनशील जोन में से एक है। नेपाल से सटा तराई का क्षेत्र मानव और वन्यजीव द्वंद के कारण जाना जाता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में यूपी ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है, उनमें आपदा प्रबंधन का क्षेत्र भी है। हमने आपदा से होने वाली जनधन हानि को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। कभी यूपी के 40 जिले बाढ़ के लिए संवेदनशील माने जाते थे, बेहतरीन प्रयासों के कारण आज 4 से 5 जिले ही ऐसे हैं जहां बाढ़ के कारण लोगों को हफ्ते भर का कष्ट होता है। बाढ़ के समय भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी फ्लड यूनिट और आपदा मित्र स्थानीय पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जनधन की हानि को कम करने के लिए कदम उठाते हैं। आज लोगों में विश्वास है कि बाढ़ आई है तो सरकार की राहत भी साथ साथ आ रही होगी।

 

श्री योगी ने बताया कि यूपी पहला राज्य है जहां आपदा से निपटने के लिए बहुत सी श्रेणियों को आपदा प्रबंधन के दायरे में लाकर राहत देने का कार्य किया गया है। इनमें मानव वन्यजीव संघर्ष भी एक है। इसके अलावा आकाशीय बिजली से अलर्ट करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रदेश के सभी जिलों में लगाने का काम हो रहा है। रेन गेज सिस्टम हर ग्रामसभा में लगाने जैसे अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार ने 2017 में एसडीआरएफ की तीन बटालियन का गठन किया था। आज इसके पास अपना मुख्यालय और उपकरण है। प्रदेश में हर आपदा को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने के लिए डबल इंजन की सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इसी कार्य को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एसडीएमए के लिए भवन बनाने के कार्य का आज शिलान्यस किया है। ये भवन यूपी में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

इस दौरान राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि, विधायक डॉ राजेश्वर सिंह, यूपी राज्य आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आरपी शाही, एसीएस राजस्व सुधीर गर्ग, डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र सहित राजस्व विभाग के कर्मचारी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान और आपदा मित्र मौजूद रहे।

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