लखनऊ। एम्बुलेंस सेवा की लापरवाही एक बार फिर से उजागर हुई है। एटा में प्रसव पीड़ा से पीड़ित गर्भवती के परिजन मुफ्त एम्बुलेंस के लिए फोन मिलाते रहे। 15 बार फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं आई।
इस प्रकरण को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
दरअसल, एटा स्थित इब्राहितपुर नगरिया निवासी सोनी को प्रसव पीड़ा हुई। पति शिवम ने एम्बुलेंस के लिए 102 नम्बर डायल किया। शिवम का आरोप है कि 15 बार कॉल के बावजूद एम्बुलेंस नहीं आई। मजबूरन ऑटो से गर्भवती को लेकर अस्पताल पहुंचे।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने के प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। सीएमओ को चार दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी। दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि यदि आवश्यकता होगी तो शासन स्तर से भी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल का पंजीकरण रद्द होगा :-
हरदोई के सांडी रोड स्थित मेडीस्टार हॉस्पिटल पर प्रसूता-नवजात की मृत्यु के मामले में गाज गिरनी तय है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पताल का पंजीकरण रद्द करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएमओ को पूरे प्रकरण की सिलसिलेवार जांच करने के लिए कहा है। तीन दिन में जांच रिपोर्ट डिप्टी सीएम ने तलब की है।
ब्रजेश पाठक ने डलमऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों से अभद्र व्यवहार किए जाने पर चिकित्सक के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है।