लखनऊ । राजधानी के इको गार्डेन में किसान मजदूर अधिकार महापंचायत आयोजित हुई। इस महापंचायत में किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी कानून के लिए पूरे देश में बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया। भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आह्वान किया कि सरकार अपने वायदे से मुकर रही है। बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर किसानों की फसल और नस्ल दोनों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। इस कारण बड़े आंदोलन के लिए सभी को तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस पर ध्यान रखो जिस तरह से उनकी मीटिंग चलती है। इसी तरह से आपकी मीटिंग और परेड में भी लाठी होनी चाहिए। आप भी आरएसएस की तरह बड़े-बड़े कार्यक्रम लगाओ। उन्होंने गन्ना मूल्य बढ़ाने, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने और 10 साल के डीजल ट्रैक्टर पर एनसीआर में लगी रोक हटाने जैसे तमाम मुद्दे उठाए।
राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि छुट्टा पशुओं के लिए थानेदारों को बजट दिया है। सभी किसान अपने-अपने क्षेत्र के छुट्टा पशुओं को लेकर थाने में जाओ और थानेदार के पास छोड़कर आओ। योगी जी की इस बात की प्रशंसा करो कि उन्होंने थानेदारों को यह जिम्मेदारी दी है । थानों में पशु जाएंगे तो थानेदार भी लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने की बजाय उनकी सेवा में लगेगा।
सोमवार को हुए महापंचायत में टिकैत ने कहा कि किसानों की फ्री में जमीन लेने का षड्यंत्र चल रहा है। अधिकारियों और नेताओं ने हाइवे के किनारे की पूरी जमीन खरीद ली है। अब ब्लॉक स्तर पर मीटिंग करो और बड़े आंदोलन की तैयारी करो। राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा ने किसानों को बिजली मुफ्त देने का वादा किया था। इसके साथ ही मीटर नहीं लगने की बात कही थी। वर्ष 2027 के चुनाव में भाजपा फिर से अपना घोषणा पत्र जारी करेगी तो उसमें बाकायदा लिखे कि किसानों से बिल वसूला जाएगा या फिर यह कहे कि उसका घोषणा पत्र झूठा था।
राजधानी में सोमवार को किसानों की सैलाब नजर आ रहा था । राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान महापंचायत में हजारों किसान अपनी मांगों को विरोध प्रदेश करने को जुटे थे । लखनऊ के इको गार्डन में पूरे उत्तर प्रदेश से हर जिले से हजारों किसान सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे । किसानों की कई लंबित समस्याएं और मांगे हैं, जिनको लेकर सरकार पर दबाव डालने के लिए ये बैठक बुलाई गई थी । किसानों की सरकार से मांग है कि एमएसपी कानून पूरी तरह लागू करे। सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और निजी नलकूप बिजली मीटर से 300 यूनिट मुक्त बिजली मुहैया कराए। गन्ना के बीज की उत्तम किस्म उपलब्ध हों गन्ना और चीनी मिलों का भुगतान समय पर हो। आवारा पशु से मुक्ति मिले और ग्रामीण स्तर पर गोशाला बने, कृषि यंत्र पूरी तरह जीएसटी से मुक्त हों।